गवर्नमेंट कॉलेजेस के लिये लागू की गई है नई ट्रांसफर पालिसी

ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों के लिये नई ट्रांसफर पालिसी को लागू कर दिया गया है। जिसके मद्देनजर प्रत्येक वर्ष प्रिंसिपल एवं लेक्चरर ट्रांसफर के लिये ऑनलाइन आवेदन करेंगे। इन्हें ऑनलाइन आवेदन के समय वरीयता क्रम में तीन विकल्प देने होंगे। शासन स्तर से जारी की गई गाइडलाइन में स्पष्ट कर दिया गया है कि ट्रांसफर के लिये निदेशक उच्च शिक्षा एवं शासन में किये गये ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं होंगे।

साफ्टवेयर के माध्यम से होगी आवेदन प्रक्रिया

शिक्षकों से कहा गया है कि वे ऑनलाइन आवेदन के समय दिये गये अपने डाटा के लिये स्वयं जिम्मेदार होंगे। इन्हें एक लॉगइन भी दी जायेगी। जिसमें शिक्षक अपनी सूचनाओं को देख सकेंगे। बताया गया है कि स्थानांतरण आवेदन साफ्टवेयर के माध्यम से होगा। जबकि एक प्रतिशत मामलों को ऐच्छिक आधार पर मैन्युअल रूप से भी चेक किया जायेगा। जिससे कोई त्रुटी की संभावना न हो। निर्देशों में कहा गया है कि संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले प्रिंसिपल और लेक्चरर की महत्वपूर्ण जगहों पर तैनाती नहीं होगी। स्थानान्तरण होने के एक सप्ताह के भीतर उनके लिये नवीन तैनाती स्थल पर ज्वाईन करना अनिवार्य होगा।

इन बातों पर करें गौर

आगामी वर्षो में प्राचार्यो एवं प्रवक्ताओं का स्थानान्तरण 15 जुलाई से पहले हो जायेगा।

इसके लिये अलग से तिथि प्रत्येक वर्ष अधिसूचित की जायेगी।

अब कॉलेजेस में शिक्षक- छात्र अनुपात 1:60 का होगा।

ऐसे में शिक्षकों का स्थानांतरण वहीं से होगा, जहां उनकी संख्या सरप्लस हैं।

ऐसे में लास्ट इन फ‌र्स्ट आउट के सिद्धांत को लागू करने पर सहमति बनी है।

कनिष्ठतम प्रवक्ता को विकल्प मानकर आवश्यकतानुसार दूसरे महाविद्यालय में समायोजित किया जायेगा।

न्यू पालिसी तब तक लागू रहेगी जब तक कि इसे संशोधित एवं अतिक्रमित न कर दिया जाये। ्र

राजकीय महाविद्यालयों की रिक्तियों को विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जायेगा। प्रत्येक वर्ष सभी को ऑनलाइन आवेदन ही करना है। कोई ऑफलाइन आवेदन अब स्वीकार नहीं होंगे।

आरपी सिंह, निदेशक उच्च शिक्षा