सूबे में राजकीय महाविद्यालयों के लिये नई ट्रांसफर पालिसी को किया गया है लागू

ALLAHABAD: यूपी गवर्नमेंट ने प्रदेश के सभी राजकीय महाविद्यालयों के लिये नई ट्रांसफर पालिसी लागू कर दी है। यह पालिसी वर्ष 2017 से ही लागू की गई है। इसमें साफ कहा गया है कि अब प्राचार्यो एवं प्रवक्ताओं का स्थानान्तरण 15 जुलाई से पहले हो जायेगा। हालांकि, इसके लिये अलग से तिथि प्रत्येक वर्ष अधिसूचित की जायेगी। अब स्थानांतरण की प्रक्रिया किसी भी सूरतेहाल में 15 जुलाई के बाद नहीं जायेगी।

1:60 का हो शिक्षक-छात्र अनुपात

कुछ समय पूर्व अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल की ओर से जारी दिशा- निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि अब कॉलेजेस में शिक्षक- छात्र अनुपात 1:60 का होगा। शिक्षकों का स्थानांतरण वहीं से होगा, जहां उनकी संख्या सरप्लस हैं। ऐसे में लास्ट इन फ‌र्स्ट आउट के सिद्धांत को लागू करने पर सहमति बनी है। इसके अनुसार कनिष्ठतम प्रवक्ता को विकल्प मानकर आवश्यकतानुसार दूसरे महाविद्यालय में समायोजित किया जायेगा।

संशोधित होने तक रहेगा लागू

न्यू पालिसी तब तक लागू रहेगी जब तक कि इसे संशोधित एवं अतिक्रमित न कर दिया जाये। इसके पीछे शासन की मंशा राजकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य एवं प्रवक्ताओं की कार्य संतुष्टि को अधिकतम करना, छात्र शैक्षिक हित संरक्षित करना, नवीन तैनाती में पारदर्शिता एवं मांग आधारित उचित व्यवस्था को सुनिश्चित करना है। इस बावत आदेश निदेशक उच्च शिक्षा, समस्त क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी एवं समस्त प्राचार्य राजकीय महाविद्यालयों को भेजा गया है।

सरकार की प्राथमिकता राज्य के अति पिछड़े एवं दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च शिक्षा को सुलभ बनाना एवं प्रोत्साहित करना है। इसका सीधा लाभ शिक्षक एवं छात्रों तक पहुंचना जरूरी है। इसी के मद्देनजर स्थानांतरण नीति को लागू किया गया है।

संजय अग्रवाल, अपर मुख्य सचिव