बहनों की बहादुरी पर उठते सवाल

हरियाणा में रहने वाली बहादुर बहनों पूजा और आरती के कारनामे पर सवालिया निशान लगते जा रहे हैं. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने इन बहनों को दिया जाने वाला वीरता पुरुस्कार फिलहाल के लिए टाल दिया है. इस मामले में ताजा खुलासा यह है कि हरियाणा के सिसाना गांव में इन बहनों द्वारा प्रताड़ित युवक सामने आया है. इस युवक सुमित ने मीडिया को जांबाज बहनों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की कहानी सुना डाली. सुमित के पिता रामफूल ने मीडिया को बताया,  "करीब छह माह पहले दोनों बहनों ने मेरे बेटे पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जबकि उस वक्त उस बस में मेरा बेटा था भी नहीं. मामले की जांच रोहतक पुलिस ने की थी. हम शरीफ लोग आरोपों से इतने आहत हुए कि सुमित का कॉलेज भी छुड़ा दिया. उस समय हमने दोनों बहनों को 20 हजार रुपए देकर अपना पीछा छुड़ाना ही बेहतर समझा."

20 हजार देकर हुआ समझौता

सुमित ने मीडिया को बताया,'गांव के स्कूल से मैंने इसी साल 64 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की परीक्षा पास की थी. रोहतक के जाट कॉलेज में बीए में दाखिला लिया. एक दिन किसी काम से कॉलेज से जल्दी वापस आ गया. अगले दिन जब गया तो पता चला कि उन्हीं दोनों लड़कियों ने पुलिस में शिकायत कर मुझ पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. मैं अपने पिता के साथ थाने पहुंचा. लड़कियां अपनी बात पर अड़ी रहीं. हमें मजबूरन 20 हजार रुपए देकर समझौता करना पड़ा. सब लड़कियों की बातों को सच मान रहे थे, इसीलिए पैसे देकर समझौता किया.'

कोर्ट में गवाही को तैयार रामफूल

इस मामले में सुमित के पिता रामफूल ने कोर्ट में लड़कियों के खिलाफ गवाही देने की बात कही है. वहीं पूजा और आरती के पिता ने रामफूल पर मामले को भटकाने का आरोप लगाया है. राजेश ने कहा कि सुमित ने उस वक्त माफी मांगी थी लेकिन अब झूठ बोलकर उन्हें दबाने की कोशिश की जा रही है.

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