हम हैं नए अंदाज क्यों हो पुराना
टेन, नाइन, एट, सेवन, सिक्स, फाइव, फोर, थ्री, टू, वन, लेट्स रॉक द पार्टीकुछ ऐसा ही सीन था सैटरडे की मिड नाइट को सिटी के क्लब्स और होटल्स में। पुराने साल को बाय कहने और नए साल के वेलकम के लिए लोगों में जोश और जुनून देखा जा सकता था। डीजे की धुन पर यूथ का थिरकना और भी तेज हो गया। जाम से जाम टकराते रहे और लोग गाते रहे कि पार्टी अभी बाकी है। ये तो थी आज की पार्टी, आज के जेनरेशन की पार्टी। एकदम बिंदास लेकिन अगर फ्लैश बैक में जाएं तो बहुत बड़ा चेंज देखने को मिलता है। न्यू इयर को तब भी सेलिब्रेट करते थे। इस जेनरेशन गैप के दौरान पार्टी और सेलिब्रेशन में किस तरह का चेंज आया है इसके लिए हमने बात की डिफरेंट जेनरेशन के लोगों से।

Family के साथ बीतती थी रात

मॉडल टाउन में रहने वाले अमरजीत सिंह आज से 20 साल पहले के समय को याद करते हुए कहते हैं कि तब 31 दिसम्बर की शाम को बाजारों की रोशनी देखने जाते थे। लौटते हुए जेबों में मूंगफली भर लेते थे। रात को खाना खाने के बाद रजाइयों में लिपटे, गपशप करते, मूंगफली खाते हुए अक्सर कहते थे कि कुछ घंटे बाद नया साल आ जाएगा। दूरदर्शन पर आने वाले प्रोग्राम और बॉलीवुड की मस्ती ही लोगों के लिए न्यू ईयर सेलिब्रेशन हुआ करती थी। न्यू ईयर से एक सप्ताह पहले से ही लोग टीवी और न्यूज पेपर में 31 दिसम्बर की रात दूरदर्शन पर आने वाले प्रोग्राम की जानकारी पता करते रहते थे। 31 की रात केवल लोगों के लिए यही हुआ करती थी कि रात बिजली न कटे और कम से कम 1 बजे रात तक अच्छे गीत-संगीत के प्रोग्राम टीवी पर आएं और फैमिली के साथ उसे देखें। इसी बीच घर में लगे डॉट फोन की घंटियां बजना शुरू हो जाती थीं।

किसी डिस्को में जाएं

पिछले 10 सालों में समय तेजी से बदला है। अब यूथ न्यू ईयर सेलिब्रेशन फ्रेंड्स ग्रुप के साथ ही मनाना सही मानते हैं। ज्यादातर यूथ एजुकेशन और जॉब के सिलसिले में अपने होम टाउन से बाहर ही रहते हैं ऐसे में उनके लिए सब कुछ दोस्तों की मंडली ही है। मॉडर्न जमाने में न्यू ईयर सेलिब्रेशन किसी डिस्को थेक या फिर एक जगह फ्रेंड के साथ डीजे की धुन पर झूमना ही सब कुछ है। अब न्यू ईयर को यूथ जोश के साथ मनाने की तैयारी में रहता है। उन जगहों की तलाश की जाती है जहां 31 दिसम्बर की रात किसी सेलिब्रेटी का लाइव परफॉर्मेंस होने वाला होता हो। लाइव परफॉर्मेंस नहीं तो थिरकने के लिए महंगे डीजे की धुन तो चाहिए ही, जिस शहर में ऐसा नहीं होता उसे यूथ काफी पिछड़ा हुआ मानते हैं। यही कारण है कि  मेट्रो सिटीज में 31 दिसम्बर और 1 जनवरी को छोटे शहरों से यूथ की उपस्थिति ज्यादा देखी जाती है।

Greeting card का था जलवा

कभी न्यू ईयर के लिए अगर अपने किसी फ्रेंड या फिर प्रियजनों को विश करना हो तो एक मात्र ग्रीटिंग कार्ड ही सहारा हुआ करता था। एक से बढ़ कर एक ग्रीटिंग काड्र्स मार्केट में आते थे और लोग बड़े ही चाव से इसकी खरीदारी करते थे। बच्चे तो पूरे दिसंबर पोस्ट मैन और ग्रीटिंग काड्र्स के घर पर आने का इंतजार किया करते थे। कई बार तो पोस्टल डिपार्टमेंट की मेहरबानी से नए साल के पोस्टकार्ड और ग्रीटिंग्स हफ्तों बाद तक आते थे लेकिन मानिए, उनमें जो स्नेह था उसका कोई जवाब ही नहीं था। अब जमाना बदल गया है।

E greeting और SMS है काफी
देर रात एक पार्टी में मस्ती कर रही अंशिका के स्मार्टफोन पर मैसेज ट्यून बजी, देखा तो एक फ्रेंड ने ई ग्रीटिंग भेजा था। उसे ग्रीटिंग इतना प्यारा लगा कि उसने सेंट टू ऑल ऑप्शन के जाकर अपने सारे फ्रेंड्स को भेज दिया। पल भर में ही यह ग्रीटिंग देश विदेश में रहने वाले उसके सारे फ्रेंड्स के पास पहुंच गया। अब यूथ को ग्रीटिंग कार्ड नहीं बल्कि ईमेल पर आने वाले ई ग्रीटिंग और मोबाइल पर आने वाले एसएमएस का ही इंतजार रहता है। आज किसी के पास शायद ही इतना वक्त हो कि वह ग्रीटिंग कार्ड सेलेक्ट करे, उसे खरीदे फिर उस पर डाक टिकट लगा कर लेटर बॉक्स में सेंड करें।

जोश भरा दिन

सिविल लाइन्स में रहने वाले 50 वर्षीय अशोक कुमार भी अपने समय को याद करते हुए कहते हैं कि न्यू इयर के वेलकम के लिए घर में ही पार्टी और रात में टीवी प्रोग्राम देखने के बाद हम जब सुबह उठते थे तो पूरे जोश में होते थे। सुबह उठकर सभी को विश करते थे।

हर कोई अपने हिसाब से नए साल का वेलकम करता है। मैं नए जमाने की हूं तो नए हिसाब से ही न्यू ईयर का वेलकम करूंगी. 
- हिमानी, स्टूडेंट  

देखते हैं कि आने वाले समय में शहर में ऐसी कौन सी फैसिलिटी हमें अवेल हो पाती है, जो हमारे फन को और बढ़ा सकती है।
-गौरव, स्टूडेंट

हम हर साल नए तरीके से इस दिन का वेलकम करते हैं। इस बार हम क्लब में पार्टी सेलिब्रेट कर रहे हैं। हो सकता है कि अगली बार हम पब में न्यू इयर सेलिब्रेट करें।
-संबुल, स्टूडेंट

जश्न में डूबा शहर

पूरे शहर में नए साल का जश्न देर रात तक जारी रहा। तमाम संगठनों में अपने-अपने अंदाज में नए साल का वेलकम किया। रोटरी क्लब ऑफ बरेली श्री के मेम्बर्स ने आर्य समाज अनाथालय के बच्चों के साथ मिलकर न्यू ईयर सेलिब्रेट किया। बच्चों ने डीजे पर जमकर डांस किया। क्लब की ओर से बच्चों के लिए डीजे, डिनर, गेम्स, गिफ्ट्स का अरेंजमेंट्स किया गया। बच्चों के साथ न्यू ईयर सेलिब्रेट करने वालों में प्रदीप तिवारी, सुधांशु शर्मा, आरिफ हुसैन आदि मौजूद रहे। इनरव्हील क्लब ऑफ बरेली साउथ फ्रेग्रेंस ने न्यू ईयर का सेलिब्रेशन रोटरी भवन में किया। इस मौके पर हैप्पी न्यू ईयर जैक एंड जिल कॉम्पिटिशन ऑर्गनाइज किया गया। न्यू ईयर जैक मि। अंकुश और न्यू ईयर जिल रिचा गुप्ता को चुना गया। मेम्बर्स ने फूलाला और चट्टो-चटोरी गेम भी ऑर्गनाइज किए गए। पार्टी में आने वालों के चेहरे पर आयोजकों ने मार्कर से हैप्पी न्यू ईयर 2012 लिखा। देर रात तक डांस-मस्ती चलती रही। कार्यक्रम में आकांक्षा अग्रवाल, अंशिका रस्तोगी, रितु मित्तल आदि शामिल रहीं।