मनोरंजन विभाग नहीं एडीएम सिटी देंगे न्यू ईयर पार्टी की परमीशन

ALLAHABAD: न्यू ईयर सेलीब्रेशन में अब महज पांच दिन बचे हैं। हर साल की तरह इस बार भी देर रात तक की पार्टियों का आयोजन किया जाएगा, लेकिन इस बार अब तक पार्टियों के आयोजन के लिए परमीशन देने वाला मनोरंजन कर विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। इसका कारण है देश में जीएसटी का लागू होना। विभागीय अधिकारियों की मानें तो इसके लागू होते ही मनोरंजन कर अधिनियम 1979 का अस्तित्व समाप्त हो गया। अब विभाग के पास आयोजन की परमीशन देना, कर निर्धारण और अवैध पार्टियों पर कार्रवाई जैसे अधिकार नहीं रह गए हैं।

केबल की वसूली तक सिमटा

जिलाधिकारी कार्यालय से सटे मनोरंजन कर विभाग में सहायक मनोरंजन कर आयुक्त, तीन कर निरीक्षक, तीन क्लर्क, एक ड्राइवर व एक चपरासी कार्यरत है। विभाग के पास अब सिर्फ केबल संचालकों से कर वसूलने के अलावा कोई काम नहीं बचा है।

तीन आयोजकों को लौटाया

ऐसा नहीं है कि इस बार न्यू ईयर की पार्टी करने वाले मनोरंजन विभाग नहीं पहुंचे। पिछले दो दिनों में तीन लोग होटल में पार्टी आयोजित कराने के लिए विभाग में परमीशन के लिए पहुंचे। उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि अब यहां से परमीशन की जरुरत नहीं है। अधिनियम समाप्त होने के बाद पार्टी की परमीशन देने की व्यवस्था खत्म हो गई है। विभाग के राजीव सिंह ने बताया कि एडीएम सिटी के यहां से परमीशन ली जा सकती है। लेकिन पार्टी का सर्विस टैक्स संबंधित व्यक्ति को जीएसटी के पोर्टल पर भरना होगा।

- विभाग की ओर से पिछले वर्ष तक दो सौ लोगों की पार्टी के आयोजन पर कुल खर्च का साढ़े सात फीसदी कर वसूला जाता था

- परमीशन के वक्त संबंधित आयोजक से पांच हजार रुपए लिया जाता था और बाद में शेष कर निर्धारण कर वसूल किया जाता था

- पिछले वर्ष शहर में न्यू ईयर की पार्टी के लिए पांच लोगों ने विभाग से परमीशन लिया था

जीएसटी लागू होने के बाद मनोरंजन कर अधिनियम 1979 स्वत: समाप्त हो गया है। इसलिए विभाग की ओर से परमीशन नहीं दी जा रही है। आयोजक आ रहे हैं तो उन्हें जीएसटी का हवाला देकर लौटा दिया जा रहा है।

अरविंद वर्मा, सहायक, मनोरंजन कर आयुक्त