2013 दे गया कई सौगात
-सिटी को मिला पहला नेफ्रोलॉजिस्ट, नहीं जाना पड़ता इलाज को दिल्ली
-अब डायलिसिस होती है अपने शहर में
-बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अधिकांश टेस्ट हो रहे इनडोर
-स्टार्ट हुए टीबी कल्चर टेस्ट बचा रहा कई जिंदगी
-एनआईसीयू बना बच्चों के लिए वरदान
-बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बना ट्रामा सेंटर ने जगाई नई उम्मीद
बस इतना सा ख्वाब है
-पूर्वांचल नहीं बिहार के करोड़ों लोगों को है एम्स की जरूरत
-हार्ट सर्जरी न होने से देखना पड़ता है दिल्ली, लखनऊ का रास्ता
-वॉल्व चेंज न होने से चली जाती है जान
-बाइपास सर्जरी न होने से रूक गई हजारों दिल की धड़कन
-अधूरा ट्रामा सेंटर नहीं बचा पा रहा जिंदगी
-पीडियाट्रिक सर्जन होते तो नहीं जाना पड़ता दूसरे शहर
-किडनी ट्रांसप्लांट हो जाए तो क्या कहना
-गोरखनाथ हॉस्पिटल का मेडिकल कॉलेज बनना अटका पाइप लाइन में
-कब लगेगी मेडिकल कॉलेज में कोबाल्ट मशीन
-सीएम के आश्वासन के बावजूद नहीं आई मेडिकल कॉलेज में एमआरआई मशीन
-हेपेटाइटिस-बी के पॉजिटिव आने पर नहीं पता चलता वायरल काउंट
मेडिकल कॉलेज दिन बीतने के साथ हाइटेक हो रहा है। अब अधिकांश बीमारी का इलाज हॉस्पिटल में होता है। जल्द ट्रामा सेंटर भी पूरी तरह वर्क करने लगेगा। अन्य जो जरूरत है वो भी पूरी हो जाएंगी। जिससे इलाज के अभाव में किसी मरीज को लखनऊ या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।
डॉ। केपी कुशवाहा, प्रिंसिपल बीआरडी मेडिकल कॉलेज
Shriyansh Kashyap
सभी के लिए एक बराबर और नार्मल रेट पर मेडिकल फैसिलिटी प्रोवाइड कराई जाए।
Sunny Rao
Better quality health equipment and ambulance service for serious patients।
Sangita Suryavanshi
समय पर डॉक्टर्स मिलें और हॉस्पिटल्स में साफ-सफाई की प्रॉपर व्यवस्था हो।
Abdullah Khan
एम्स से कम कुछ भी नहीं, पूर्वांचल को इसकी बहुत जरूरत है।