-करार खत्म होने के बाद खाली हो जाएंगे सरकारी हॉस्पिटल्स में डेटा आपरेटर के पद

PRAYAGRAJ: जल्द ही कोई निर्णय नहीं हुआ तो 30 जून के बाद सभी सरकारी हॉस्पिटल्स की व्यवस्था चरमरा सकती है। दरअसल नेशनल हेल्थ मिशन के तहत टेंडर खत्म होने के बाद सभी डेटा ऑपरेटर को हटा लिया जाएगा। जिससे ओपीडी से लेकर इमरजेंसी वार्ड में मरीजों का पर्चा बनाने व मरीज भर्ती करने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। समय कम होने के बावजूद हॉस्पिटल्स में कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा सकी है।

सभी जगह संचालित हैं ई-हास्पिटल

बता दें कि टेंडर खत्म होने के बाद यह समस्या प्रयागराज सहित प्रदेश के कुल 32 जिलों में पैदा हो जाएगी। इनमें से अकेले प्रयागराज के बेली, काल्विन, डफरिन सहित टीबी हॉस्पिटल में डेटा ऑपरेटर के लगभग 50 पद हैं। यह सभी ई-रजिस्ट्रेशन से लेकर मरीजों का पर्चा बनाने और भर्ती का काम करते हैं। इनके जरिए मरीजों का डेटा ऑनलाइन फीड किया जाता है। कुल मिलाकर डेटा आपरेटर ई-हॉस्पिटल का अभिन्न हिस्सा हैं। एक जुलाई से इनका टेंडर समाप्त हो जाने के बाद हॉस्पिटल्स में आने वाले हजारों मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

शासन ने मांगी है रिक्वायरमेंट

बताया जा रहा है कि एनएचएम के तहत संबंधित एजेंसी का टेंडर खत्म हो गया है। जबकि नए सर्विस प्रोवाइडर का चयन अभी तक नहीं हुआ है। ऐसे में समस्या होना स्वाभाविक माना जा रहा है। हालांकि शासन की ओर से सभी हॉस्पिटल्स से डेटा ऑपरेटर और सीनियर सपोर्टर की रिक्वायरमेंट मांग ली है। इसके आधार पर नई नियुक्ति शासन स्तर पर की जाएगी। उधर, डेटा ऑपरेटर्स ने अपनी नौकरी बचाने की गुहार पीएम और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से लगाई है। खुद डीजी हेल्थ डॉ। पदमाकर सिंह ने व्यवस्था चरमराने की आशंका जताते हुए शासन ने नई नियुक्तियां किए जाने की मांग की है।

वर्जन

सबसे ज्यादा समस्या ई-रजिस्ट्रेशन को लेकर आएगी। हम लोगों ने शासन से रिक्वायरमेंट मांगी है। सुनने में आया है कि एक माह के लिए डेटा आपरेटर्स का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है, जिससे हॉस्पिटल्स में समस्या को पैदा होने से रोका जा सके।

-डॉ। वीके सिंह, सीएमएस, काल्विन हॉस्पिटल