- बाल सुधार गृह में बाल बंदियों की अनदेखी

- चिल्डे्रन डे पर आयोजित नहीं हुआ कार्यक्रम

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DEHRADUN : बाल सुधार गृह में बंद बाल बंदी बाल दिवस को किस तरह सेलिब्रेट करते हैं। इसी बात का जायजा लेने के लिए आई नेक्स्ट टीम ने बाल सुधार गृह का दौरा किया। इस दौरान जो हकीकत दिखाई दी वह चौंकाने वाली थी। बाल सुधार गृह में बंद बच्चों के लिए कार्यक्रम आयोजित करना तो दूर किसी ने उनसे मिलने तक की जहमत नहीं उठाई। आखिर क्यों? क्या वे बच्चे नहीं।

आई नेक्स्ट टीम को रोका

दरअसल, बाल दिवस पर बाल सुधार गृह में क्या होता है। इसी बात का जायजा लेने आई नेक्स्ट टीम शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे केदारपुरम स्थित बाल सुधार गृह पहुंची, जहां गेट पर ही टीम की मुलाकात बाल सुधार गृह के स्टाफ से हुई। बाहर ही साफ कर दिया गया कि बाल बंदियों से मिलने पर मनाही है। जिस पर टीम राजी हुई तो जाकर टीम को बाल सुधार गृह के ऑफिस में घुसने दिया गया।

नहीं हुआ कोई इवेंट

ऑफिस में बाल सुधार गृह अधीक्षक शिवानी पोखरियाल से मुलाकात हुई, जिसने साफ कर दिया कि चिल्ड्रेन डे पर बाल सुधार गृह में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ। इसके पीछे उन्होंने अपने तर्क भी रखे। बताया कि भले ही बच्चों को चिल्ड्रेन डे सेलिब्रेट करने का अधिकार है, लेकिन ये बच्चे अपराधी हैं। इन्हें यहां सुधारने के लिए भेजा गया है। पूछताछ में पता चला कि सुधार गृह में दस बच्चे बंद हैं।

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यहां से तो सीख लो

जहां एक तरफ बाल सुधार गृह में बाल बंदियों के लिए कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ। वहीं उससे कुछ दूर स्थित शिशु सदन व बालिका निकेतन में कठपुतली का डांस हो रहा था। बच्चों के लिए अच्छे खाने की भी व्यवस्था की गई थी। इंचार्ज शशि ने बताया कि शिशु सदन में फ्7 बच्चे हैं, जबकि बालिका निकेतन में फ्8 बालिकाएं हैं। सभी के लिए किसी संस्था के साथ मिलकर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। ऐसे में सवाल यह है कि जब शिशु सदन व बालिका निकेतन के बच्चे चिल्ड्रन डे सेलिब्रेट कर सकते हैं, तो फिर बाल सुधार गृह में बंद बच्चे क्यों नहीं?

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जानकारों के जुबानी

एडवोकेट रघुवीर कठैत बताते हैं कि बाल सुधार गृह में बच्चों को सुधारने के लिए भेजा जाता है, वहां बच्चों की काउंसिलिंग कर अच्छे बुरे की समझ करवाई जाती है। अधिकतम तीन माह तक कोई भी बच्चा बाल सुधार गृह में रह सकता है। जिसके बाद उसे जेल भेज दिया जाता है। जेल में भी उसे जुवेनाइल वार्ड में रखा जाता है। जब जेल में सारे कार्यक्रम होते हैं तो फिर बाल सुधार में तो होने ही चाहिए। क्योंकि यहां बच्चों को सुधारने के लिए भेजा जाता है। जब ऐसे कार्यक्रम ही बाल सुधार गृह में आयोजित नहीं होंगे तो फिर बच्चे सुधर कैसे सकते हैं।

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बाल सुधार गृह में नेहरू जयंती पर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ। यह मुझे आपके माध्यम से पता चल रहा है। मामला बेहद गंभीर है, जिस पर समाज कल्याण अधिकारी से रिपोर्ट मांगी जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-चंद्रेश कुमार यादव, जिलाधिकारी दून