AGRA (30 April): शुक्रवार रात साढ़े नौ बजे से कीठम के जंगल में लगी आग शनिवार दोपहर तक धधकती रही। देर रात तक चार दमकलों ने घटना स्थल पर डेरा जमा लिया था। हालांकि आग पर सुबह चार बजे तक काबू पाया जा सका। शनिवार को वन विभाग के अधिकारियों ने कीठम का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया। डीएफओ के अनुसार शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है।

साढे़ दस एकड़ का वन क्षेत्र आग की भेंट चढ़ गया

कीठम और रुनकता का जंगल विभागीय अधिकारियों के अनुसार 799 हेक्टेअर के एरिया में फैला हुआ है। इसमें जूली फ्लोरा पाखड़, पीपल, खजूर समेत तमाम प्रकार की असंख्य औषधियों से जुड़े पेड़ पौधे खड़े है। बीती रात आग लगने से तकरीबन साढ़े दस एकड़ वन आग की भेंट चढ़ गया, लेकिन वास्तविकता ये है कि तकरीबन दो किमी। के एरिया में नुकसान हुआ है।

विलुप्त प्रजाति के जीव भी आग के तांडव में जलकर खाक

सूर सरोवर पक्षी विहार कीठम के वॉच टॉवर संख्या चार के पास आग लगने से जंगल में मौजूद तमाम विलुप्त प्रजाति के वन्य जीव व उनके अंडे जलकर खाक हो गए। इसमें जो बड़े वन्य जीव थे, इनमें जंगली सूअर, नील गाय, हिरन आदि तो आग की तपिश लगते ही मौके से भाग खड़े हुए। इसमें जो विलुप्त प्रजाति के वन्य जीव थे, उनमें सीही, नेवला, बीजू, कई प्रजातियों के अजगर व सर्प शामिल है। इनके अंडे भी आग में जलकर खाक हो गए।

खरगोश और मोर भी नहीं बचे

इसके अलावा खरगोश, मोर, गिलहरी, गिरगिट, मधुमक्खियों के छत्ते विभिन्न प्रजातियों की दुर्लभ चिडि़या मैना, कोयल, कौआ, कबूतर आदि आग की भेंट चढ़ गए। रात में जंगल चीतल आदि की चीत्कार से गूंज उठा। वन्य जीव-जन्तु सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे। इस दौरान आग में जले एक अजगर का बीयर रेस्क्यू सेंटर में पोस्टमार्टम भी कराया गया।

बाल्टी से पानी ढो-ढोकर कर्मियों ने बुझाई आग

799 हेक्टेअर एरिया में फैले सूर सरोवर पक्षी विहार कीठम में वन विभाग के नौ लोगों द्वारा निगरानी की जाती है। इसमें गार्ड रमेश, बालकिशन, प्रताप सिंह, सुभाष चन्द व वन दारोगा गिरजेश तिवारी के अलावा लोग संविदा पर भी तैनात किए हैं। जिस समय आग लगी उस समय रमेश और वन दारोगा डयूटी पर मौजूद थे। शनिवार दोपहर को वन विभाग के कर्मचारी बाल्टी के पानी से आग बुझाने का काम कर रहे थे। कीठम की आग विभाग के लिए कई सवाल खड़े कर गई है।

फॉरेस्ट रेंजर अवध बिहारी ने बताया कि सूर सरोवर पक्षी विहार कीठम से 11 हजार वोल्टेज की दो लाइनें निकल पास हो रही हैं। इसमें किसी भी लाइन को कोई वायर नहीं टूटा। उन्होंने रेंजर ने बताया कि तार काफी झूल रहे हैं। हवा चलने के कारण तार आपस में टकरा गए। इनकी निकली चिंगारी ने घास-पूस और सूखों पत्तों से आग पकड़ ली। वहीं दूसरी ओर आग का कारण बीड़ी या सिगरेट भी हो सकती है। जिस ओर आग लगी वहां लोगों का आवागमन बना रहता है। वहां किसी ने बीड़ी सिगरेट फेंक दी हो। हालांकि कारणों की जांच की जा रही है। आग के संदर्भ में शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। राजस्व टीम द्वारा नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। अनिल पटेल, डीएफओ, वाइल्ड लाइफ का कहना है कि ये वन विभाग की अपूर्णीय क्षति है। इसमें वन्य जीवों के अलावा उनके अंडे भी नष्ट हो गए हैं। आग के कारणों की जांच की जा रही है।