- एनएचएम निदेशक को इंसेफेलाइटिस पेशेंट के तीमारदार ने सुनाया दर्द

- निदेशक ने जिला व महिला अस्पताल का किया इंस्पेक्शन

GORAKHPUR: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक आलोक कुमार ने जिला व महिला अस्पताल का इंस्पेक्शन किया। इस बीच इंसेफेलाइटिस आईसीयू वार्ड की हकीकत जानी और रसोई घर में पहुंच कर मरीजों को मिलने वाली भोजन के बारे में जानकारी ली। साथ ही महिला अस्पताल में अव्यवस्था देख नाराजगी जताई। वहीं अपने मातहतो को सुधरने की नसीहत दी।

एंबुलेंस की जांच

बुधवार की सुबह इंस्पेक्शन के दौरान 108 व 102 नंबर एम्बुलेंस की जांच की। वहीं एंबुलेंस में दवा और आक्सीजन सिलेंडर की हकीकत जानी। साथ ही एम्बुलेंस पर स्टीकर नहीं लगने पर नाराजगी जताते हुए जिम्मेदार आकाश पांडेय को फटकार लगाते हुए उसे दुरुस्त करने का निर्देश दिया।

पेशेंट्स से की बात

मिशन निदेशक बुधवार की सुबह 10:30 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। जहां सीधे इंसेफेलाइटिस वार्ड पहुंचे। जहां इंसेफेलाइटिस व अन्य बीमारी से गंभीर मरीज एडमिट है। वहीं आईसीयू में भर्ती मरीजों के परिजनों से सुविधाओं और परेशानियों के बारे में बात की। कुशीनगर हाटा की रहने वाले आसमिन के परिजनों ने बताया कि दवाएं मिलती है। लेकिन बच्ची की हाल दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। इसके बाद उन्होंने ओआरएस घोल के बारे में बात की। तीमारदारों ने बताया कि ओआरएस की पुडि़या नहीं मिलती है। इस पर उन्होंने संबंधित अधिकारी को फटकार लगाई।

रसोई घर में सबकुछ खाली

मिशन निदेशक सीधे रसोई घर में पहुंचे। जहां बर्तनों में भोजन नहीं मिला। इस पर उन्होंने जब सवाल किए तो जिम्मेदारों का कहना था कि भोजन सुबह ही बन जाता है और मरीजों में बांट दिए जाते हैं। इस पर जब उन्होंने खाद्य सामग्री के बारे में पूछा तो एक बक्शे में थोड़ा सा आटा और आलू प्याज रखा हुआ था। उन्होंनेसवाल किया तो जिम्मेदार अफसरों का कहना है कि खाद्य सामग्री खत्म होने पर खरीद कर मंगवाया जाता है।

ओपीडी का लिया जायजा

आशा ज्योति केंद्र व ओपीडी का जायजा लिया। वह पहले आशा ज्योति केंद्र में पहुंचे और स्टाफ की अधिक संख्या देख दूसरे स्थान पर सिफ्ट करने को कहा। साथ ही ओपीडी में मरीजों के साथ आए तीमारदारों से बात की और सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।

माड्यूलर ओटी करें तैयार

महिला अस्पताल की ओटी पूरी तरह अव्यवस्था है। मिशन निदेशक ने एसआईसी को निर्देश दिया कि एक हफ्ते के अंदर माड्यूलर ओटी तैयार कर ऑपरेशन किए जाए। इसके बाद वह अल्ट्रासाउंड सेंटर के पास लाइन में लगी महिलाओं से बात की और सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। इसके बाद वह एनआईसी वार्ड गए यहां पर गर्भवती माताओं से बात कर ओआरएस घोल और टीकाकरण की हकीकत के बारे में बात की। फिर व लेवर रूम पहुंचे जहां मरीजों के डिस्चार्ज रजिस्टर मंगवाया। रजिस्टर में कमियों को देख नाराजगी जताई। फिर वह टीम के साथ सीधे सम्पूर्णा क्लीनिक केंद्र पहुंचे। यहां पर मरीजों की संख्या के बारे में पूछा। साथ ही क्या उपचार किए जाते हैं, इसकी जानकारी ली। इस अवसर पर एनएचएम के सीनियर एडवाइजर डॉ। अरोड़ा, महाप्रबंधक डॉ। अनिल मिश्रा, एडी हेल्थ डॉ। आरके तिवारी, सीएमओ रवींद्र कुमार, एसआईसी डॉ.एचआर यादव, महिला अस्पताल एसआईसी एके गुप्ता, एडिशनल सीएमओ डॉ। नंद कुमार, डॉ। एके पांडेय आदि मौजूद रहे।