-लापरवाही की जांच के आदेश, दोषियों पर कार्रवाई होगी

LUCKNOW: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत 4688 स्टाफ नर्स, एएनएम और अन्य पदों के संशोधित परिणाम कटऑफ के साथ बुधवार को प्रदेश सरकार ने जारी कर दिया। नए नतीजों में कम अंक पाने वाले 258 अभ्यर्थी बाहर हो गए हैं। वहीं पूरे मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में जीएम एचआर संदीप सक्सेना को निलंबित कर दिया है। गड़बड़ी की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं।

देर शाम जारी संशोधित रिजल्ट जारी

एनएचएम भर्ती में गड़बडि़यों का प्रकरण सुर्खियों में आने के बाद बुधवार को दिनभर जिलों में रिजल्ट संशोधित किए जाने का काम होता रहा। शाम तक रिजल्ट अपलोड कर दिया गया। इससे पहले 22 दिसंबर को 4072 पदों का परिणाम घोषित किया गया था। संशोधन के बाद संख्या 3814 रह गई। न्यूनतम कटऑफ के बाद 258 अभ्यर्थी चयन से बाहर कर दिए गए। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी ने बताया कि सामान्य वर्ग के लिए 33 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 30 प्रतिशत और अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए 24 प्रतिशत कटऑफ तय करके परिणाम घोषित किया गया। भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है। प्रथमदृष्टया यह लापरवाही का मामला है। इसके लिए जीएम एचआर संदीप सक्सेना को निलंबित कर पूरी जांच के आदेश दिए गए हैं।

बिना कटऑफ जारी हुआ था रिजल्ट

गौरतलब है कि एनएचएम के तहत एएनएम, स्टॉफ नर्स, पीआरओ, लैब टेक्नीशियन और लैब अटेंडेंट के करीब 4688 पदों को गत 22 जुलाई को विज्ञापित किया गया था। इसमें संविदा के तहत भर्तियां होनी थीं। इसके लिए लगभग 93 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। पांच नवंबर को जिलों में इसके लिए लिखित परीक्षा हुई। 22 दिसंबर को रिजल्ट जारी हुआ तो जिलों से गड़बडि़यों की शिकायतें आने लगीं। किसी जिले में अभ्यर्थी को तीन अंक हासिल होने के बाद भी चयनित घोषित कर दिया गया तो कहीं 60 अंक पाकर भी चयन नहीं हो सका। जांच में सामने आया कि परिणाम जिला स्तर पर तैयार किए गए, इनमें कटऑफ नहीं रखा गया। इससे सारी गड़बडि़यां हुईं। अब शासन इस बात की जांच कर रहा है कि कटऑफ किसी भी परीक्षा के लिए प्रारंभिक शर्त है। इसके बाद भी इसके प्रति उदासीनता क्यों बरती गई। इसको लेकर कई और अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।

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मंत्री का दावा, नहीं हुई धांधली

प्रदेश की महिला कल्याण, परिवार कल्याण, मातृ शिशु कल्याण एवं पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने दावा किया कि एएनएम व पैरामेडिकल स्टाफ भर्ती में कोई धांधली नहीं हुई। यह परीक्षा राष्ट्रीय भारत सरकार मे पंजीकृत एजेंसी एनएचआरसी द्वारा कराई गयी थी। जनपदवार रिक्तियों के आधार पर परीक्षा का आयोजन कराया गया तथा सभी प्रक्रियाओं के अनुपालन के उपरॉत परीक्षा का परिणाम भी घोषित कर अपलोड किया गया। परीक्षा परिणाम में मात्र एक तकनीकी कमी रह गयी कि नियुक्ति के लिये आरक्षित वर्ग में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिये 24 प्रतिशत, अन्य पिछडा वर्ग के लिये 30 प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग के लिये 33 प्रतिशत प्राप्तांक होना न्यूनतम अर्हता की श्रेणी में आता था, जिसका मूल्यॉकन एवं अनुश्रवण परिणाम से पूर्व सामान्य प्रबंधक मानव संसाधन द्वारा किया जाना अपेक्षित था, जो नहीं हो सका। रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि संविदा का पद स्थान्तरणीय नहीं है, इस आशय से जिन जनपदों में ज्यादा रिक्तियांथीं, वहां की मेरिट ऊंची रही.इसी प्रकार में लखनऊ में अधिक पद और अधिक आवेदन के कारण मेरिट भी हाई रही। अन्य दूरस्थ जनपदों में पद कम होने के सापेक्ष मैरिट भी नीची रहना स्वाभाविक है।

सामान्य वर्ग के लिए 33 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 30 प्रतिशत और अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए 24 प्रतिशत कटऑफ तय करके परिणाम घोषित किया गया। भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है।

प्रशांत त्रिवेदी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य

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इन पदों के लिए हुई परीक्षा

एएनएम-2809 पद

स्टाफ नर्स-1386 पद

लैब टेक्नीशियन-409 पद

लैब अटेंडेंट-66 पद

पीआरओ- 18 पद