नौ स्टूडेंट्स हुए थे अरेस्ट
बम लगानेवाले नौ स्टूडेंट्स को पुलिस ने पटना के एक लॉज से अरेस्ट किया था। मो इम्तियाज ने बम विस्फोट में शामिल दूसरे टेररिस्ट्स के नाम पुलिस को बताए थे। पटना पुलिस और एनआईए की सूचना पर मो इम्तियाज के घर रांची पुलिस ने छापेमारी की थी और वहां से नक्शा, मोबाइल समेत प्रेशर कुकर में रखे गए बम और कैंलेंडर को जŽत किया था। इसी छापेमारी में एनआईए को यह पता चला था कि हैदर, तहसीन उर्फ मोनू, मो नुमान, तौफिक अंसारी, पटना के सद्दाम का नाम सामने आया था.  पुलिस ने विस्फोट में शामिल एक दूसरे टेररिस्ट  ताबिश उर्फ अरशद अंसारी को वेस्ट चंपारण के अलौला गांव से अरेस्ट किया था। एनआईए ने मुजफ्फरपुर से संदिग्ध आतंकी मेहरार आलम को अरेस्ट किया, लेकिन वह वहां के एक होटल से फरार हो गया। हालांकि फिर उसे एनआईए की टीम ने कानपुर के पास से अरेस्ट कर जेल भेजा।

आईएम का फाइनांसर पकड़ाया
इनवेस्टिगेशन में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के झारखंड-बिहार जोन का फाइनांसर भी रांची का ही निकला। इस मामले में नेशनल इनवेस्टिगेशन टीम ने रांची के डोरंडा इलाके के मणिटोली, फिरदौस नगर में रहनेवाले उजैर अहमद खान (40 वर्ष) को अरेस्ट किया। दिल्ली बम विस्फोट कांड संख्या 6/12 के तहत दर्ज मुकदमे में भी उजैर अहमद खान का नाम सामने आया था। साथ ही उस पर हैदर को फाइनांस करने का आरोप है। उजैर अहमद खान आईएम के लोगों से कोड वर्ड में बात करता था। पहले एनआईए की टीम ने उज्जैर को पूछताछ के लिए बुलाया और फिर पुष्टि होने पर उसे अरेस्ट कर लिया गया। पटना सीरियल Žलास्ट की प्लानिंग सीठियो से निकलकर हिंदपीढ़ी पहुंची। एनआईए को इनफार्मेशन मिली कि हिंदपीढ़ी में विस्फोट की प्लानिंग तैयार की गई थी। मो इम्तियाज ने एनआईए की टीम को उस लॉज के बारे में भी बताया, जहां लॉज के युवकों को आईएम और बम बनाने की ट्रेनिंग दी जाती थी।

ईरम लॉज से मिला था बम
चार नवंबर की शाम नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी और रांची पुलिस ने हिंदपीढ़ी के एक लॉज में छापेमारी की। इस कैंपेन में एनआईए की टीम को हिंदपीढ़ी के सेंकेंड स्ट्रीट स्थित ईरम लॉज से नौ शक्तिशाली बम मिले, जिसे मोरहाबादी मैदान में बम स्क्वॉयड ने डिएक्टिवेट किया। बताया गया कि उजैर ने हिंदपीढ़ी के एक लॉज में बम होने की बात एनआईए को दी थी.  पटना विस्फोट कांड के बाद आईएम के नेटवर्क में लखीसराय और धनबाद का भी नाम सामने आया। इस बाबत एनआईए की टीम ने लखीसराय के वैसे लोगों को पकड़ा, जो आईएम को फाइनेंशियली  सपोर्ट करते थे। इसके बाद पुलिस ने धनबाद में छापेमारी की। छापेमारी में एनआईए को यह पता चला कि यहां आईएम के कई मेंबर्स ने फर्जी तरीके से बैैंक अकाउंट खोल रखा है। इन बैैंक अकाउंट्स में हवाला के जरिए पैसे डिपॉजिट किए जाते हैैं। इसके बाद एनआईए ने आईएम की मददगार आयशा बानो को पकड़ा। आयशा को पुलिस ने कर्नाटक के मंगलुरू से पकड़ा है। उसे पूछताछ के लिए बिहार लाया गया है। उस पर आईएम के लिए फंड जुटाने का आरोप है। आयशा बानो के बारे में झारखंड के झरिया से हिरासत में लिए गए राजू साव ने खुलासा किया था।