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PATNA : पीएम मोदी की चुनावी सभाओं के बारे गुप्त जानकारी जुटाने के मकसद से बिहार में रेकी करने आए बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमीयत-उल-मुजाहिदीन और इस्लामिक स्टेट ऑफ बांग्लादेश के सक्रिय सदस्य अबु सुल्तान और खैरू मंडल को रिमांड पर लेने की एटीएस की अर्जी कोर्ट ने बुधवार को मंजूर कर ली। कोर्ट ने सिर्फ दो दिन की रिमांड मंजूर की है। कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार की शाम को ही एटीएस दोनों को पूछताछ के लिए बेउर जेल से निकालकर अपने साथ गुप्त स्थान पर ले गई है। दोनों आतंकियों से एनआइए की टीम पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं।

दो दिन की मिली रिमांड

प्रभारी एसीजेएम ओम प्रकाश की अदालत में एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने दोनों आतंकियों को 15 दिनों की रिमांड पर देने का अनुरोध किया था, मगर अदालत ने दो दिन की रिमांड ही मंजूर की। आतंकियों से पूछताछ के लिए एनआइए के अधिकारी पटना पहुंच चुके थे। पूछताछ के दौरान आतंकियों से उनके मंसूबे और साथियों के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की जा रही है। भारत, खासकर बिहार में उनके कौन-कौन से मददगार हैं और यहां रहते हुए दोनों ने किन-किन लोगों से संपर्क किया था, इसकी भी पूरी लिस्ट खंगाली जाएगी। आतंकी वारदात के लिए धन कौन मुहैया करा रहा था, इसकी पड़ताल भी होगी। पीएम मोदी की चुनावी सभा को लेकर आतंकियों द्वारा की गई रेकी के बारे में भी विस्तार से पूछताछ की जाएगी।

मोबाइल खोलेगा राज

दोनों आतंकियों के पास से मोबाइल बरामद हुए थे। एटीएस और साइबर सेल सभी कॉल डिटेल्स खंगाल रही है। कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। यहां रहते हुए किन लोगों से संपर्क में थे, इसकी सूची तैयार हो रही है। साइबर सेल से जुड़े सूत्रों की मानें तो दोनों प्रशिक्षित और शातिर हैं। वे वाट्सएप कॉलिंग का सहारा लेते थे ताकि कॉल रिकॉर्ड न की जा सके।

क्या है मामला

एटीएस ने सोमवार को पटना जंक्शन के पास से दोनों आतंकियों को पकड़ा था। कोर्ट में पेशी के बाद दोनों को बेउर जेल भेज दिया गया था। मंगलवार को रिमांड पर लेने के लिए एटीएस ने कोर्ट में अर्जी दी थी परंतु अदालत ने इसे मंजूरी नहीं दी थी। अधिकारियों की मानें तो दोनों आतंकियों को 15 दिनों की रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में फिर अर्जी दी जाएगी।

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