Five families on target
पटना सीरियल बम Žलास्ट्स के तार रांची से जुडऩे के बाद अब यहां की पांच फैमिलीज एनआईए के टारगेट पर आ गई हैं। इन्वेस्टिगेशन एजेंसीज की जारी पड़ताल में यह बात सामने आई है कि पटना और बोधगया Žलास्ट्स में इन्वॉल्व्ड टेररिस्ट्स को सिटी और इसके आस-पास के थाना क्षेत्रों की पांच फैमिलीज ने काफी मदद की थी। इन लोगों ने मो इम्तियाज, तौफीक, नुमान, मुजीबुल और ऐनुल सहित अन्य को फाइनेंशियली हेल्प करने के अलावा मोबाइल का सिम कार्ड प्रोवाइड कराने और आशियाना बनाने में काफी मदद की थी। इन लोगों के अलावा पटना सीरियल बम Žलास्ट्स के मास्टरमाइंड माने जा रहे तहसीन और उसके सहयोगी हैदर को भी इन लोगों ने रांची में हरसंभव मदद की थी।

सब पता था उन्हें!
इन्वेस्टिगेशन एजेंसीज के मुताबिक, ये फैमिलीज यह जानती थीं कि जिन लोगों की वे मदद कर रही हैं, वो लोग इंडियन मुजाहिदीन के लिए काम करते हैं। हालांकि, ये पांच फैमिलीज कौन हैं, इसका खुलासा झारखंड पुलिस नहीं कर रही है। पुलिस के अनुसार अभी जांच जारी है। जो डॉक्युमेंट्स मिले हैं, उनकी भी जांच की जा रही है।

NIA  को information leak  होने का doubt
एनआईए को डाउट है कि कहीं से उसकी इनफॉर्मेशंस लीक हो रही हैं। यही वजह है कि सीक्रेट प्लेस पर स्पेशल ब्रांच, सीआईडी, रांची पुलिस और अन्य इन्वेस्टिगेशन एजेंसीज के ऑफिशियल्स के साथ एनआईए के ऑफिशियल्स लंबी मीटिंग कर रहे हैं। इतना ही नहीं, टेररिस्ट्स के मददगारों को शिकंजे में लेने की स्ट्रेटजी भी बनी है। इसके लिए सात टीमें बनाई गई हैं, जिसमें स्पेशल ब्रांच और सीआईडी के तेजतर्रार ऑफिसर्स को इन्क्लूड किया गया है।

Suspected से अब थाने में नहीं हो रही पूछताछ
अब तक थानों में पूूछताछ कर रहीं इन्वेस्टिगेशन एजेंसीज ने अब अपनी स्ट्रेटजी में चेंचेज लाए हैं। एनआईए की टीम अब पूछताछ करने के लिए सस्पेक्टेड लोगों को थानों में बुलाकर उन्हें अपने व्हीकल्स में बिठाकर किसी सीक्रेट प्लेस पर चली जाती है और वहीं उनलोगों से पूछताछ करती है। इन्वेस्टिगेशन पर कोई असर न पड़े, इसी लिए एनआईए ऐसा कदम उठा रही है।