-शहदाना निवासी निदा खान का आला हजरत खानदान के शीरान रजा के साथ हुई थी 2015 में

-16 जुलाई 2015 को तलाक के बाद शीरान रजा खां ने गुजारा भत्ता न देने के लिए कोर्ट में लगाई थी अर्जी

इस केस में अगली सुनवाई 27 जुलाई को
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BAREILLY : ट्रिपल तलाक और हलाला के खिलाफ जंग लड़ रही निदा खान को अपने शौहर के खिलाफ बड़ी सफलता कोर्ट से मिली है। एसीजेएम प्रथम की कोर्ट ने उनके शौहर शीरान की उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने निदा की गुजारा भत्ता अर्जी को खारिज करने की मांग की थी। कोर्ट ने शीरान के उस तर्क को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि चूंकि निदा और उनके बीच शरीयत के मुताबिक तलाक हो चुका है और मेहर की रकम वापस की जा चुकी है। ऐसे में गुजारा भत्ता देने से उन्हें राहत दी जानी चाहिए। अब इस केस में अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।

महंगी कार के लिए तलाक देने का आरोप
ज्ञात हो कि आला हजरत खानदान के शीरान रजा खां का निकाह 18 फरवरी 2015 को शहदाना निवासी निदा खान के साथ हुआ था। निकाह के कुछ माह बाद ही पति-पत्‌नी में विवाद शुरू हो गए। निदा का आरोप है दहेज में महंगी कार की मांग को लेकर उसके पति शीरान रजा खां, देवर ईकान रजा खां, ससुर उस्मान रजा खां और सास उनको परेशान करती थी। मांग पूरी नहीं होने पर गर्भावस्था के दौरान मारपीट कर 16 जुलाई 2015 को ससुराल से निकाल दिया। मारपीट के कारण उसका गर्भपात हो गया। निदा की तहरीर पर बारादरी पुलिस ने पति, देवर, सास और ससुर के खिलाफ भ्रूण हत्या और दहेज उत्पीड़न में एफआईआर दर्ज की थी।

15 हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता की मांग
निदा खान ने अपने अधिवक्ता एचए खान से शीरान के खिलाफ कोर्ट में घरेलू हिंसा का केस दायर करके शीरान से 15 हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता की मांग की थी। इस केस की सुनवाई एसीजेएम प्रथम सियाराम चौरसिया की अदालत में चल रही है। शीरान ने सुनवाई के दौरान अर्जी देकर कोर्ट में दलील दी कि उन्होंने आपसी सहमति से निदा खान को 5 फरवरी 2016 को तीन तलाक दे दिया था। इस कारण तलाकशुदा निदा गुजारा भत्ता लेने की अधिकारी नहीं है। अदालत ने शीरान की इस दलील को नकारते हुए उनकी अर्जी खारिज कर दी।