- इंदिरा गांधी एनएसएस अवार्ड पाने वालों में यूपी से सिर्फ निधि सिंह का नाम

- हजारों में चुनिंदा वालंटियर्स को मिलता है सम्मान

- राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी राष्ट्रपति भवन में 18 नवंबर को करेंगे सम्मानित

GORAKHPUR : गोरखपुर यूनिवर्सिटी के एनएसएस वालंटियर्स अपनी पहचान और छाप छोड़ने में कहीं पर भी पीछे नहीं है। स्टेट लेवल पर प्रदेश में वालंटियर्स की मेहनत से जहां डीडीयू को पहली पोजीशन हासिल हुई, वहीं यूनिवर्सिटी में एक्टिव वालंटियर्स की लिस्ट में शामिल एमएससी बायोटेक्नोलॉजी की स्टूडेंट्स निधि सिंह ने एक बार फिर यूनिवर्सिटी का परचम ऊंचा करते हुए गोरखपुर का मान बढ़ाया है। निधि को एनएसएस का सर्वोच्च सम्मान 'इंदिरा गांधी एनएसएस अवार्ड' के लिए नामित किया गया है। यह सम्मान राष्ट्रपति भवन में प्रेसिडेंट प्रणव मुखर्जी के हाथों क्8 नवंबर को मिलेगा।

प्रदेश में इकलौता नाम

राष्ट्रपति के हाथों दिए जाने वाले इस सम्मान के लिए वालंटियर्स का सेलेक्शन प्रदेश नहीं बल्कि नेशनल लेवल पर किया जाता है। इसमें देश की क्98 यूनिवर्सिटी के लाखों वालंटियर्स की लिस्ट में से परफॉर्मेस के बेसिस पर वालंटियर्स का सेलेक्शन होता है। एनएसएस प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ। अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि निधि को मिलने वाले इस सम्मान की सबसे खास बात यह है कि प्रदेश में मौजूद यूनिवर्सिटीज में सिर्फ निधि एकलौती वालंटियर है, जिसे यह सम्मान मिलेगा, बाकी प्रदेश की किसी भी यूनिवर्सिटी से किसी भी वालंटियर्स का सेलेक्शन नहीं किया गया है।

रांची कैंप के बाद एक्टिव हुई निधि

एक्सपीरियंस शेयर करते हुए निधि ने बताया कि पहले एनएसएस लेने की अहम वजह सिर्फ वेटेज ही था, लेकिन जब वह रांची में ऑर्गेनाइज हुए कैंप में गई और वहां पर उसने आईएएस क्वालिफाइड कैंडिडेट्स के जज्बे को देखा, जिन्होंने राष्ट्र सेवा के लिए अपनी नौकरी को भी छोड़ दिया और वहां के लोगों की हेल्प के लिए तीन महीने तक लगातार जद्दोजहद जारी रखी। वहां से वापस लौटने के बाद वह एनएसएस में और भी ज्यादा एक्टिव हो गई। जिसकी मेहनत का फल आज उसे इस प्राइज के तौर पर मिल रहा है।

काफी एक्टिव रही है निधि

प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ। अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि निधि सिंह अपने दो साल के एनएसएस के सेशन में तो काफी एक्टिव रही। इस दौरान उसने जहां ब्लड डोनेशन कैंप, एड्स अवेयरनेस रैली, प्लांटेशन प्रोग्राम, सफाई अभियान के साथ ही एनएसएस की ओर से चलाए गए अवेयरनेस प्रोग्राम्स में भी एक्टिवली पार्टिसिपेट किया। वहीं दो साल का टेन्योर पूरा होने के बाद भी निधि एनएसएस से जुड़ी रही और अब भी वालंटियर्स की तरह ही अपना एक्टिव सपोर्ट देती आ रही हैं। निधि की इस उपलब्धि पर वीसी प्रो। अशोक कुमार, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर और यूनिवर्सिटी के टीचर्स और एनएसएस के साथियों ने उसे बधाई दी।