ऑडिट टीम को निगम के अधिकारी उपलब्ध नहीं करा रहे डाटा
कार्यवाहक नगर आयुक्त ने विभागाध्यक्षों को दिए निर्देश
Meerut। घोटाले के डर से निगम के कर्मचारियों ने निगम से कई पत्रावलियों को गायब कर दिया है। ऑडिट करने के लिए आई टीम के बार-बार कहने के बावजूद विभागाध्यक्ष पत्रावलियों को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। उधर कार्यवाहक नगर आयुक्त ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्रावली उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।
खुलेंगे कई घोटाले
बताते हैं कि नगर निगम के विभागाध्यक्षों ने यदि पत्रावली दी तो अनेक घोटाले खुलेंगे। इससे पहले चूना, अलकनंदा कंपनी, डस्टबिन जैसे घोटालों की फाइल गायब है। इसके अलावा जलकल विभाग, स्टोर की अनेक फाइल गायब हैं। निगम के अधिकारी ऑडिट टीम को फाइल उपलब्ध कराने में आनाकानी कर रहे हैं।
शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
यदि ऑडिट टीम को निगम ने फाइल उपलब्ध नहीं कराई तो टीम शासन को इसकी रिपोर्ट भेज देगी। नगर निगम में पिछले दो साल से ऑडिट नहीं हुआ है। बिना ऑडिट के ही निगम ने 8 सौ करोड़ रुपये से अधिक खर्च डाले। निगम के अफसरों से इन दो साल में कभी ऑडिट कराने का प्रयास भी नहीं किया। अब जब शासन ने ऑडिट के लिए टीम भेजी है। उनको ऑडिट के लिए कागजात नहीं उपलब्घ कराए जा रहे हैं।
चार अधिकारी है बाहर
नगर निगम इस समय नगर आयुक्त, फाइनेंस कंट्रोलर सहित चीफ इंजीनियर और लेखाधिकारी इस समय नगर निगम में नहीं है। चारो अधिकारी इस समय लीडरशिप प्रोग्राम के लिए अहमदाबाद गए है। 22 तारीख तक यह प्रोग्राम चलेगा। 23 को नगर आयुक्त मेरठ पहुंचेंगे।
सभी विभागाध्यक्षों को दो सालों की पत्रावली उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। यदि पत्रावली उपलब्ध नहीं कराएंगे तो कार्रवाई की जाएगी।
अली हसन कर्नी, कार्यवाहक नगर आयुक्त