निगम के ऑफिसर की जांच में हुआ खुलासा, सफाई की खुली पोल

- सफाई मजदूर के नाम पर उठा रहा है पैसा, सड़क पर झाड़ू तक नहीं मारता

- वार्ड नंबर चार में हुआ खुलासा, कमिश्नर ने कहा कि अन्य वार्ड की भी जांच शुरू

- कई सफाई मजदूर मिलीभगत से कर रहे प्राइवेट काम, सड़कों पर नहीं मार रहे है झाड़ू

PATNA: निगम पर सफाई को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। अब सफाई के नाम पर निगम को अपनी साख बचानी भी मुश्किल हो रही है, क्योंकि निगम के पास दिखाने के लिए दो हजार से अधिक के सफाई मजदूर 7ख् वार्ड में कार्यरत हैं। ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही है। इसको लेकर जून महीने से लगातार सफाई मजदूरों की तलाश की जा रही है। इस दौरान वार्ड नंबर चार में एक बड़ा खुलासा पांच महीने बाद सामने आया है। जब निगम को इसकी जानकारी मिली कि वार्ड नंबर चार में सफाई मजदूर के रूप में कार्यरत संजय प्रसाद यादव सफाई का काम नहीं कर रहा है, बल्कि वो सफाई मजदूर को मिलने वाली सुविधा का लाभ उठा रहा है। यानी कि वो हर महीने वेतन तो ले रहा है, लेकिन कभी भी झाड़ू सड़कों पर नहीं मारा है। इसका पता नगर विकास सचिव ने अपनी जांच रिपोर्ट में ख्0क्ब् के क्फ् जून की जांच रिपोर्ट में दी थी। इसके साथ ही अन्य सफाई मजदूर भी गायब होने का मामला दर्ज किया गया, साथ ही निगम कमिश्नर को इसकी जांच के लिए दिया गया था।

जांच में वाइन शॉप चलाते पाया गया

निगम कमिश्नर की ओर से दो सीनियर ऑफिसर को इसकी जांच में लगाया गया। जांच के दौरान ऑफिसर ने बताया कि वो सफाई मजदूर के नाम पर काम तो कर रहा है, लेकिन कभी झाड़ू तक एरिया में नहीं मिला है। यही नहीं, जांच के दौरान यह भी पाया गया है कि संजय प्रसाद यादव का आशियाना की ओर एक वाइन शॉप चला रहा है, जिसका लाइसेंस नंबर पीएमसी एफएल शॉप नंबर 8ब् है और उसका लाइसेंस एक अप्रैल ख्0क्ब् से फ्क् मार्च ख्0क्भ् तक का है।

टेंपरॅरी मजदूर सात लाख का लिया लाइसेंस

वार्ड नंबर चार में जब नगर विकास विभाग के सचिव ने जांच की तो पता चला कि फ्भ् मजदूर की जगह क्8 ही काम कर रहे है। रेस्ट का कोई अता-पता नहीं है। जांच के दौरान संजय प्रसाद यादव की शॉप की जब जांच हुई, तो पता चला कि चार हजार का टेंपरॉरी मजदूर ने अपने वाइन शॉप के लिए सात लाख ब्9 हजार का फी जमा कर रहा है। यही नहीं, इस शॉप से फारेन लिकर ब्फ्80 एलपीएल और बियर 9ख्00 बीएल सेल करने का लाइसेंस मिला है।

आई नेक्स्ट ने पहले ही बताया था खेल

जानकारी हो कि आई नेक्स्ट ने पहले भी यह बताया कि किस तरफ सफाई मजदूर ऑफिसर्स से लेकर वार्ड काउंसलर के इशारे पर काम कर रहा है। इस पर निगम की जांच ने मुहर भी लगा दी है। यह किसी एक वार्ड की बात नहीं है, बल्कि तमाम वार्डो की हालत एक सी है। जहां पर सफाई मजूदर जांच के दौरान गायब पाए गए थे। इसकी जांच रिपोर्ट के बाद अब फिर से नयी टीम हर वार्ड में काम करने में जुटी हुई है।

गंदगी कोई देखने वाला नहीं

निगम की ओर से सफाई के दावे जो भी किए जाए, लेकिन हकीकत यही है कि गंदगी का अंबार मेन रोड पर लगा हुआ है। नतीजा यह हो गया है कि कोई भी देखने व सुनने के लिए तैयार नहीं है। चारों सर्किल मिलाकर दो हजार से अधिक के सफाई मजदूर कार्यरत है। जो सिर्फ झाड़ू मारकर सड़क की सफाई में लगाया गया है। इसके बाद भी काम नहीं किया जा रहा है।

अब ऑन द स्पॉट झाड़ू मारने की जांच

निगम कमिश्नर कुलदीप नारायण ने बताया कि अब ऑन द स्पॉट मजदूरों की जांच की जाएगी। इसमें जांच टीम को आदेश दिया गया है कि जिस वार्ड से भी सफाई मजदूर गायब मिलते हैं। उसकी फौरन जांच की जाएं और वो जहां पर हो वहीं जाकर उसकी जांच की जाए। उसे झाड़ू मारने आता है या नहीं, इसकी जांच के लिए राजाबाजार एरिया में झाड़ू लगाकर देखा जाए। और सुनिश्चित किया जाएं कि मजदूर को झाड़ू मारने आता भी है या नहीं।