नाइजीरिया के सेना प्रमुख ने कहा है कि यह परिजनों के लिए अच्छी ख़बर यह है. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सेना बल का इस्तेमाल कर लड़कियों की जान ख़तरे में नहीं डालेगी.

अप्रैल में संदिग्ध चरमपंथी संगठन बोको हराम ने दो सौ से ज़्यादा लड़कियों को उनके स्कूल से अग़वा कर लिया था.

इससे पहले बीबीसी को मिली जानकारी के मुताबिक लड़कियों की रिहाई के लिए सरकार और बोको हराम के बीच समझौता अंतिम दौर में पहुँच गया था लेकिन बाद में सरकार पीछे हट गई.

अबुजा में मौजूद बीबीसी संवाददाता बिल रॉस के मुताबिक एक मध्यस्थ ने बोको हराम के नेताओं से मुलाक़ात की थी और उस स्थान का दौरा भी किया था जहाँ लड़कियों को रखा गया है.

संवाददाता के मुताबिक 50 लड़कियों के बदले सौ बोको हराम लड़ाकों की रिहाई का समझौता तय हो गया था.

अग़वा लड़कियाँ : सेना को जानकारी मिली

लेकिन नाइजीरिया के राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन की पेरिस में इस संकट को लेकर हुई बैठक के बाद सरकार समझौते से पीछे हट गई. सरकार के पीछे हटने के कारण अभी स्पष्ट नहीं हैं.

नाइजीरिया की सरकार पर बोको हराम से निपटने और लड़कियों को वापस लाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है.

बोको हराम ने 2009 में सरकार विरोधी हिंसा शुरू की थी. तब से हिंसा में कई हज़ार लोग मारे जा चुके हैं.

ख़तरा नहीं लेंगे

नाइजीरिया की सेना के प्रमुख एयर मार्शल एलेक्स बदेह ने सोमवार को बताया कि सेना के पास लड़कियों की स्थिति की जानकारी है. उन्होंने यह भी कहा कि हम अपनी लड़कियों को वापस लाने के प्रयासों में उनकी जान ख़तरे में नहीं डालेंगे.

सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि सेना जानती है कि वह क्या कर रही है और उन्हें राष्ट्रपति का पूर्ण समर्थन प्राप्त है.

अग़वा की गई लड़कियों में से अधिकतर ईसाई हैं. संभवतः लड़कियों को उत्तर-पूर्वी बोर्नो प्रांत के घने जंगलों में चैड और कैमरून की सीमा के क़रीब रखा गया है.

अग़वा की गई लड़कियों को खोजने के लिए फ्रांस, अमरीका, ब्रिटेन, चीन और कई अन्य देशों ने अपने विशेषज्ञ दल भेजे हैं.

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