-अब बच्चों पर हो रहा शीतलहर का अटैक

-0 से 5 साल के बच्चों को डायरिया व निमोनिया ने किया परेशान

-मंडलीय अस्पताल में जांच के लिए डेली पहुंच रहे 200 से ज्यादा बच्चे

लगातार बढ़ रही सर्दी और शीतलहर के चलते अब मासूम बच्चों को भी बीमारियां सताने लगी हैं। कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल में भारी संख्या में बीमार बच्चे जांच के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा कोल्ड डायरिया व निमोनिया से पीडि़त बच्चे हैं। इसके अलावा 8 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे सर्दी, जुकाम, बुखार से परेशान हैं। लिहाजा डॉक्टर्स पेरेंट्स को बच्चों के प्रति विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि यह ठंड बच्चों के सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। इसलिए जितना हो सके बच्चों का केयर करें।

दिल के रोगियों पर भी खतरा

डॉक्टर्स की मानें तो इस मौसम में दिल के मरीजों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ रहा है। इसलिए बुजुर्गो को भी सावधान रहने की जरूरत है, खासकर हार्ट और बीपी के पेशेंट को। चिकित्सकों की मानें तो हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल के स्तर, मधुमेह या अत्यधिक धूम्रपान सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने का कारण है। इसलिए रक्त में ग्लूकोज और कोलेस्ट्रॉल के स्तर का ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके अलावा शराब के अनियंत्रित सेवन और जंक फूड से बचना चाहिए।

क्या बरतें सावधानी

- 40 वर्ष से अधिक उम्र में ब्लड प्रेशर की समय-समय पर जांच कराएं।

-बच्चों को बिना गर्म कपड़ों के न रखे।

-बच्चों का नियमित टीकाकरण कराएं साथ ही उन्हें पौष्टिक खाद्य पदार्थ दें।

-बच्चों को गर्म कपड़े पहना कर रखें, विशेषकर कान और पैर ढंककर रखें।

-बच्चों को ठंडी चीजें खिलाने से परहेज करें।

- दिक्कत होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।

-खाने-पीने पर पूरा ध्यान दें।

-लूज मोशन होने पर ओआरएस का घोल देते रहे।

चाइल्ड ओपीडी में सबसे ज्यादा निमोनिया व डायरिया से पीडि़त बच्चे आ रहे हैं। ओपीडी में हर रोज 400 बच्चे जांच के लिए आ रहे हैं, जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे कोल्ड डायरिया व निमोनिया से पीडि़त पाए जा रहे हैं। कुछ बच्चों की हालत खराब होने पर उन्हें एडमिट किया जा रहा है।

डॉ। सी.पी। गुप्ता, चाइल्ड स्पेशलिस्ट,

मंडलीय हॉस्पिटल

बच्चों को ज्यादा से ज्यादा गर्म जगह रखे। नवजात बच्चों को अधिक समय तक मां अपने शरीर से लगाकर रखें। क्योंकि मां के शरीर का स्पर्श रहने से बच्चे को गर्मी मिलती रहती है। कोल्ड डायरिया में छोटे बच्चे को पानी चढ़वाने के बजाए ओआरएस का घोल व जिंक टैबलेट का इस्तेमाल करें।

डॉ। प्रशांत सिंह, चाइल्ड स्पेशलिस्ट, मंडलीय हॉस्पिटल