RANCHI : निम्स, जयपुर के चेयरमैन बीएस तोमर के खिलाफ रांची की युवती द्वारा छेड़छाड़ करने का आरोप लगाना कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी उनके खिलाफ निम्स की कुछ लेडीज स्टाफ्स छेड़छाड़ व अश्लील हरकत करने का आरोप लगा चुकी हैं। अदालतों में उनके खिलाफ छेड़छाड़ के कई मामले चल रहे हैं।

खाली हाथ लौटी रांची पुलिस

निम्स चेयरमैन बीएस तोमर को गिरफ्तार करने के लिए रांची पुलिस 20 मार्च को वारंट लेकर जयपुर गई थी, लेकिन पांच दिनों तक वहां डेरा जमाने के बाद भी उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी, क्योंकि आरोपी अंडरग्राउंड हो गया। इतना ही नहीं, बीएस तोमर ने जयपुर से अपने कुछ लोगों को रांची भेजा, ताकि मामले को रफा-दफा किया जा सके।

फोन पर भी करते थे अश्लील बातें

पीडि़त छात्रा ने बताया कि पिछले साल छह नवंबर को वह रांची से जयपुर स्थित निम्स पहुंची थी। सात नवंबर को इंस्टीट्यूट के चेयरमैन ने अपने चैंबर में बुलाया। वे करियर बनाने के नाम पर यूरोप भेजने की बात कह रहे थे। इसके बाद कई बार वे शाम में अपने चैंबर में बुलाते रहे। इस दौरान छेड़छाड़ करने की कोशिश की। इस साल 4 फरवरी को उन्होंने मेरे मोबाइल फोन पर कॉल 47 मिनट तक बात की। इस दौरान वे अश्लील बातें भी कर रहे थे। इस बातचीत को मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड कर ली थी, जिसे चुटिया पुलिस को सौंप दिया है।

वारंट दबाए रही चुटिया पुलिस

निम्स चेयरमैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के दस दिन बाद ही अदालत से चुटिया थाना को उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने की कॉपी मिल गई थी, पर पुलिस उस वारंट को अपने पास दबाए रखी। पीडि़त छात्रा के पिता का कहना है कि बीएस तोमर के कुछ आदमियों ने उनसे संपर्क कर दस करोड़ रुपए का लालच देकर मामले को खत्म करने का प्रपोजल दिया था। जब इसे स्वीकार नहीं किया तो जयपुर बुलाकर आ‌र्म्स एक्ट और एक युवती के साथ होटल में छेड़छाड़ करने की झूठी एफआईआर दर्ज करा दी।