- घटना के दौरान खड़ा था और किसी ने मार दी गोली

- मेडिकल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा शुभम

Meerut: कोतवाली के तीरगरान में हुए दंगे के दौरान एक युवक को मूक दर्शक बनना भारी पड़ गया। इसने अभी अपनी जिंदगी भी शुरू नहीं की थी और किसी दंगाई की गोली ने उसको जिदंगी और मौत के बीच पहुंचा दिया। गोली आकर उसके सिर में लगी और वह वहीं गिर पड़ा। बड़ी मुश्किल से मां-बाप की झोली में भगवान ने इस इकलौते बच्चे को डाला था। उसकी हालत में कोई सुधार नहीं है। परिजन भगवान से अपने बच्चे की सलामती के लिए दुआ मांग रहे हैं, लेकिन कुछ कहा नहीं जा सकता।

नौ बहनें और एक भाई

कागजी बाजार में रहने वाले सुशील रस्तोगी की परचून की दुकान है। सीधे-साधे व्यापारी हैं। शुभम नौ बहनों में अकेला भाई था। जिसने अभी इंटर के एग्जाम दिए थे। यही नहीं अपने चाचा-ताऊ में भी इकलौता ही लड़का है। उसके रिजल्ट का इंतजार परिवार वाले कर रहे हैं। लेकिन शुभम के साथ जो हुआ उससे पूरा परिवार टूट सा गया है। मेडिकल में भर्ती शुभम जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। परिवार वाले अपने इस इकलौते बेटे की जिंदगी की दुआ मांग रहे हैं।

नहीं रुक रहे आंसू

शुभम की बहनें अपने भाई के सही होने का इंतजार कर रही हैं। उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। परिवार वालों का रोते-रोते बुरा हाल है। रोते हुए परिजनों का कहना है कि वह तो इस दंगे में कहीं भी नहीं था। उसने शोर सुना और बाहर निकलकर देखा तो किसी ने उसको गोली मार दी। उस मासूम को ना जाने किसकी बुरी नजर लग गई। जो आज वह इस स्थिति तक पहुंच गया। उधर नेताओं का कहना है कि शुभम की हालत काफी क्रिटिकल है। भगवान करे शुभम बच जाए।