इसके साथ ही घटना में उसका साथ देने वाले उसके ब्वॉय फ्रेंड को गैरइरादतन हत्या का दोषी माना है। फैसला आने के बाद नीरज ग्रोवर के पिता एएन ग्रोवर को गहरा झटका लगा है। उन्होंने कहा कि वो इस फैसले से खुश नहीं हैं। उन्होंने फैसले की अपील अपर कोर्ट में करने की बात से इंकार कर दिया है। नीरज के पिता सिटी में रहते हैं।

system से लड़ना मेरे बस का नहीं

300 टुकड़े किए थे  

मुंबई के मलाड एरिया में 6 मई 2008 की लेट नाइट कानपुर में रहने वाले नीरज ग्रोवर का मर्डर कर दिया गया था। उसके तीन सौ टुकड़े करके उसे बैग में भरकर आग के हवाले कर दिया गया था। इस घटना में 21 मई 2008 को मुंबई क्राइम ब्रांच ने मारिया और उसके ब्यॉय फ्रेंड जेरोन को जेल भेजा था। ये मामला मुंबई सेशन कोर्ट में चल रहा था जिसने थर्सडे को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया।

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यह कैसा फैसला है?

कोर्ट के फैसले के बाद हमने नीरज के पिता एएन ग्रोवर ने कहा कि ये फैसला सही नहीं है। वो इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उनके मुताबिक ये इंटरप्रिटेशन के साथ किया गया फैसला है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद वो एक महीने तक मुंबई में रुके थे और रोज थाने जाते थे। मुंबई क्राइम ब्रांच के ऑफिसर्स के साथ मेरी मीटिंग हुई थी। नीरज की कॉल डीटेल्स की छानबीन मेरे सामने की गई थी। कोर्ट ने जेरोन को दोषी मान लिया, है लेकिन जो असली कांसपीरेटर मारिया को दोषी ही नहीं माना गया। यह कैसा फैसला है? जेरोन और नीरज एक दूसरे को क्या जानें। नीरज के फ्रेंड्स ने मुझे बताया था कि 6 मई को रात 9 बजकर 50 मिनट पर एक कॉल आई। नीरज ने कॉल यह कहकर काट दी कि मुझे कल शूट पर जल्दी जाना है, मै नहीं पाऊंगा। इसके बाद 10 बजे फिर कॉल आई और वो बात करते हुए बाहर निकल गया। रात 1 बजकर 27 मिनट पर उसकी लोकेशन मलाड में मारिया के यहां थी।

महाभारत में नहीं मिला था रोल

एएन ग्रोवर के मुताबिक मारिया नीरज के टच में आने से पहले सी ग्रेड की फिल्मों में काम करती थी। नीरज एक बड़े प्रोडक्शन हाउस में क्रिएटिव हेड बन गया था। महाभारत सीरियल के लिए ऑडीशंस हुए थे तो मारिया ने भी ऑडीशन दिया लेकिन नीरज ने उसे रिजेक्ट कर दिया था। उसके बाद मारिया ने वहां के एक काफी हाउस में कई बार नीरज से मिलने की कोशिश की थी मगर, हर बार नीरज ने उसे टाल दिया। इसी बात का वो बदला लेना चाहती थी। एएन ग्रोवर ने बताया कि हत्या वाले दिन ही मारिया ने जेरोन को क्यों बुलाया था। उसी दिन वो फ्लाइट पकडक़र क्यों आया था? इन सारे सवालों के जवाब मुंबई क्राइम ब्रांच के पास हैं। उसके बाद भी इन बातों पर ध्यान नहीं दिया गया।

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उनके बस की बात नहीं 

फैसले के खिलाफ अपर कोर्ट में अपील करने की बात पर एएन ग्रोवर ने कहा कि वो एक छोटे व्यापारी हैं और इस उम्र में सिस्टम से लड़ पाना उनके बस की बात नहीं है। उन्होंने कहा वो इस फैसले के खिलाफ किसी भी तरीके की कोई अपील नहीं करेंगे।