छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: साकची थाना अंतर्गत नागरमल के पीछे बागबेड़ा निवासी निरंजन सिंह हत्याकांड के आरोपित मो। आरिफ उर्फ आरिफ अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर रविवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस को पूछताछ में मो। आरिफ ने बताया कि वर्तमान में जवाहरनगर रोड नंबर 14 मानगो तथा मूल निवासी हमीरपुर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं। आरिफ ने बताया कि करीम सिटी कॉलेज से इंटर की पढ़ाई किया। घर की आर्थिक स्थित ठीक नहीं रहने के कारण मैं काम की तलाश में इधर-उधर घूम रहा था। इसी क्रम में बागबेड़ा निवासी नीरज दूबे ने अपने संबंधी संतोष पांडेय जो टाटानगर रेलवे स्टेशन का पार्किंग का ठेका लिया था, से परिचय हुआ और उसने मुझे पार्किंग के काम में रख लिया।

वर्चस्व को लेकर हुई थी मारपीट

बताया कि काम के दौरान ही 18 नवंबर, 2017 को वर्चस्व को लेकर टाईगर ग्रुप व बादशाह ग्रुप के बीच बिष्टुपुर थाना क्षेत्र में मारपीट हुई। शमशेर उर्फ शेरे का सब मिलकर हाथ पैर तोड़ दिये थे। उसी का बदला लेने के लिए हमलोग ताक में थे। नीरज दूबे पेट्रोल पंप पर खड़ा होकर किसी का इंतजार कर रहा था। उसी समय राहुल तिवारी अपने दोस्तों के साथ आया तथा मैं रेहान के साथ पहुंचा और वहां मारपीट हो गई। मारपीट में नीरज दूबे का सिर फट गया तथा गाड़ी का शीशा क्षतिग्रस्त कर दिया गया। उसके बाद हमलोग भाग गए।

दोनों थे दोनों टाइगर ग्रुप में

नीरज दूबे परसुडीह टाइगर ग्रुप से जुड़ा हुआ था। टाइगर ग्रुप का सरगना स्व। निरंजन सिंह था। मो। आरिफ ने कहा है कि टाइगर ग्रुप दो वर्ष पूर्व बना था। रेलवे पार्किंग विवाद के बाद नीरज दूबे से झगड़ा होने के बाद से बादशाह ग्रुप बनाया गया। दोनो ग्रुप में तनाव चलने के कारण निरंजन सिंह जो जुगसलाई का रहने वाला था से नीरज दूबे बागबेड़ा को जान का खतरा महसूस होने लगा। निरंजन सिंह अपने साथियों के साथ मिलकर वर्चस्व बनाने के लिए हमेशा नीरज दूबे तथा हम सभी के साथ मारपीट गाली गलौज करने लगा। निरंजन सिंह व उसके साथियों के हरकत से तंग आकर नीरज दूबे ने उसे रास्ते से हटाने की दिशा में काम करने लगा।

18 दिसबंर को बनी हत्या की योजना

मो। आरिफ ने अपने बयान में कहा है कि 18 दिसंबर 2017 को बागबेड़ा में एक बैठक नीरज दूबे ने बुलाया। इसमें अमन मिश्रा, नीरज दूबे, मो। आरिफ, आलमगीर आलम, रोहित सिंह उर्फ पटपट, सुमित मिश्रा, आदित्य पासवान, अंकित कुमार सिंह, गौतम कुमार सिंह थे। इसमें निर्णय लिया गया कि 19 दिसंबर 2017 को निरंजन सिंह की हत्या शाम में साकची शीतला मंदिर में पूजा करने के बाद कर दी जाए। मीटिंग में नीरज दूबे ने कहा कि हत्या के लिए गोली पिस्तौल मै दूंगा। बैठक के बाद सभी लोग अपने-अपने घर चले गए। निर्णय के मुताबिक मुझे व आलमगीर आलम को निरंजन सिंह पर नजर रखकर सूचना देना था।

19 दिसंबर को साकची में कर दी गई हत्या

मो। आरिफ ने बताया कि अगले दिन 19 दिसंबर की दोपहर में नीरज दूबे ने फोन पर सूचना दिया कि मैं अमन मिश्रा को पिस्तौल व तीन गोली देकर निरजंन सिंह की हत्या के लिए साकची भेज दिया हूं तथा मैं फोन से संपर्क में हूं। तुम भी निगरानी में लग जाओ। उसी दिन मैं और आलमगीर आलम साकची आम बागान, शीतला मंदिर के आसपास निरंजन सिंह की निगरानी में लग गए। मो। आरिफ ने बताया कि 19 दिसंबर की संध्या छह बजे नीरज दूबे ने फोन कर बताया कि काम हो गया है। साकची नागरमल के पीछे गली में निरंजन सिंह को रोहित सिंह उर्फ पटपट ने गोली मारकर हत्या कर दी है।

डेढ़ माह तक कानपुर में मामा के घर रहा

मो। आरिफ ने पुलिस को बताया कि हत्या के दूसरे दिन 20 दिसंबर 2017 को करीब साढ़े 11 बजे दिन में अपने साथी आलमगीर आलम के साथ सदाब जो भाड़ा का गाड़ी चलाता है से गाड़ी मांगे। वह डस्टर जेएच 05बीडी-0138 को लेकर आया। हम दोनों को चांडिल स्थित शीतल छाया होटल पहुंचे। होटल में नीरज दूबे व अमन मिश्रा से मुलाकात हुई। नीरज दूबे ने निरंजन सिंह हत्या के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उसने बताया कि रोहित सिंह उर्फ पटपट ने बहादुरी का काम किया है। इसके बाद नीरज दूबे, अमन मिश्रा, मैं तथा आलमगीर आलम चांडिल स्टेशन गए जहां से रेलगाड़ी से बलरामपुर चले गए। बलरामपुर में आलमगीर आलम अपने रिश्तेदार के घर चला गया तथा मैं और नीरज दूबे, अमन मिश्रा राजस्थान लॉज में एक कमरा बुक कराकर तीनों करीब तीन घंटे तक रहे। बाद में तीनों आसनसोल आ गए। आसनसोल में मारुति लॉज में एक कमरा बुक कराकर रात गुजारे। मो। आरिफ के अनुसार 21 दिसंबर को मैं रेलगाड़ी से हमीरपुर अपने मामा के घर चला गया। जबकि नीरज दूबे व अमन मिश्रा रेलगाड़ी से कोलकाता अपनी बहन के घर चला गया। मैं अपने मामा के घर करीब डेढ़ माह तक रहने के बाद वापस जमशेदपुर आ गया। पुलिस से छिप कर रहने लगे। आरिफ जिस डस्टर गाड़ी से चांडिल गए थे, उसे भी पुलिस ने जब्त कर लिया।