कारें बनीं निशाना

ये आपबीती है बरेली के एक आम आदमी की। जो नगर निगम इलेक्शन करीब आते ही अपनी जान से प्यारी कार और बाइक से छेड़छाड़ सहने को मजबूर है.  बरेली में हो रहे चुनावी प्रचार में प्रत्याशी के समर्थक घर के बाहर खड़े व्हीकल्स को निशाना बना रहे हैं। इसके लिए उन्होंने एकदम सुबह का टाइम चूज किया है। ताकि स्टिकर और वॉल पोस्टर लगाने का काम बेहद शांति और इत्मिनान से किया जा सके।

आचार संहिता का उल्लंघन

सहायक निर्वाचन अधिकारी अजय शुक्ला ने बताया कि आदर्श आचार संहिता निर्वाचन अधिसूचना जारी होते ही लागू हो जाती है। परमीशन के बिना किसी के घर और गाड़ी पर झंडा, बैनर और स्टिकर नहीं लगाए जा सकते। घर की दीवारों पर वॉल राइटिंग भी संहिता का उल्लघंन है। साथ ही जो स्टिकर और बैनर चस्पा किए जा रहे हैं, उस पर पब्लिकेशन का नाम और नंबर छपा होना कंपल्सरी होता है।

हो जाती है पूरी कसरत

ऑटो स्पेयर पाट्र्स शॉप के ओनर बलविंदर सिंह ने बताया कि चुनावी प्रचार के लिए यूज होने वाले स्टिकर में लगा गम बेहद खतरनाक होता है। स्टिकर गाड़ी पर लगने के बाद आसानी से छूटता नहीं है।

 

कहां करें शिकायत

निर्वाचन अधिकारी अजय शुक्ला ने बताया कि अगर किसी रेजिडेंट की प्राइवेट प्रॉपर्टी पर प्रचार सामग्री लगाई जाती है तो वह शिकायत हमारे पास दर्ज करवा सकता है। इसके लिए कलेक्ट्रेट में बाकायदा कंप्लेन रूम बनाया गया है। रूम का फोन नंबर 0581- 2511960 है। इस पर फोन करके शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

कमेटी हुई गठित

चुनाव प्रचार और उसमें यूज होने वाली सामग्री पर नजर रखने के लिए कमेटी गठित हो चुकी है। इसकी अध्यक्षता अपर जिला मजिस्ट्रेट करेंगे। कमेटी में पुलिस अधीक्षक, नगर मजिस्ट्रेट, संबंधित नगरीय निकाय    के उप जिलाधिकारी, उपायुक्त सूचना   और सहायक आयुक्त मनोरंजन कर भी शामिल हैं।

बिना परमीशन के किसी भी रेजिडेंट के घर और गाड़ी पर बैनर या स्टिकर चस्पा करना गलत है। अगर ऐसा किया जाता है तो इसे आचार संहिता का उल्लघंन माना जाएगा। इसके अलावा प्रचार सामग्री पर पब्लिशर का नाम और नंबर प्रिंट होना जरूरी है। अगर ऐसी कोई सामग्री पाई जाती है, तो इसके लिए संबंधित पार्टी को ही दोषी माना जाएगा।

-अजय शुक्ला, सहायक निवार्चन अधिकारी

कई कारों पर स्टिकर चस्पा कर दिए गए हैं। किसने और कब चिपकाए? कोई नहीं जानता। इन्हें उखाडऩे से गाड़ी का पेंट खराब हो जाता है. 

-अनिल भाटिया, भाटिया शॉप

ये सही है कि प्रत्याशी को जनता तक अपनी बात पहुंचानी चाहिए। मगर इसके लिए जनता की संपत्ति को निशाना बनाना गलत है। स्टिकर चिपकाने वालों पर एडमिनिस्ट्रेशन को खुद संज्ञान लेना चाहिए. 

-नितिन अग्रवाल,पैसिफिक कम्प्यूटर

हमने अभी अपने घर का पेंट करवाया था। कल रात हमारे घर की दीवार पर कोई प्रत्याशी का पोस्टर चस्पा कर गया है। अब हम फिर उसको साफ करें, ये तो गलत है।

-संगीता आनंद, रामपुर गार्डन

सुबह उठे तो देखा कि हमारी गाड़ी के बैक में स्टिकर चिपके हुए हैं। घंटों उन स्टिकर्स को पानी से  छुड़ाया है। गाड़ी पर स्क्रेच आ गए हैं।

-ममता विग, सिविल लाइंस

Report by: Abhishek Mishra