- प्रो। राय ने शुक्रवार को जांच अधिकारी को दिया आरोपों पर जवाब

LUCKNOW :

डॉ। शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास यूनिवर्सिटी के पूर्व (कार्य से हटाए गएए) वीसी डॉ। निशीथ राय ने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब शुक्रवार को जांच अधिकारी को सौंपा। डॉ। राय ने जांच अधिकारी उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जस्टिस शैलेंद्र सक्सेना को 543 पन्नों के अपने विस्तृत जवाब में लगाए गए सभी आरोपों को गलत और विद्वेषपूर्ण बताया। साथ ही उन्होंने जांच जल्द पूरी करने की बात के साथ षडयंत्र करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की।

सामान्य परिषद ने बैठाई थी जांच

डॉ। शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास यूनिवर्सिटी की सामान्य परिषद ने डॉ। राय के खिलाफ बीते 17 फरवरी को जांच बैठाई थी। इस दौरान राज्य सरकार ने उन्हें कार्य विरत कर दिया था। सामान्य परिषद ने 16 जून को डॉ। राय को आरोप पत्र सौंप कर 15 दिन में जवाब जांच अधिकारी जस्टिस शैलेंद्र सक्सेना को उपलब्ध कराने को कहा था।

फर्जी शिकायती पत्र भेजा

डॉ। राय ने सभी आरोपों को नकारा है। उन्होंने शासन और यूनिवर्सिटी के कुछ अधिकारियों की ओर से उनके खिलाफ रचे गए षडयंत्र का खुलासा करते हुए कहा कि एक शिकायतकर्ता डॉ। अभय कृष्णा की ओर से मार्च 2017 में फर्जी और कूटरचित शिकायती पत्र सीएम को भेजा गया। जिनके आधार पर उनके खिलाफ आरोप तय किए गए। जबकि इस शिकायतकर्ता ने सीएम को पत्र भेजकर कहा है कि उन्होंने वैसा कोई शिकायती पत्र नहीं भेजा।

प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग

शिकायत कर्ता ने एसएसपी लखनऊ को भी शिकायत भेजकर प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है। डॉ। राय ने कहा है कि जिस तरह से उनके खिलाफ फर्जी व षड़यंत्र कर प्रपत्र तैयार कराए गए हैं, वह कहीं से भी आपराधिक कार्य की श्रेणी में आता है। षडयंत्रकर्ताओं पर कठोर कारवाई होनी चाहिए।

सम्बद्धता कार्यपरिषद ने दी

प्रो। राय ने कॉलेजों को बिना अनुमति संबद्धता पर जवाब देते हुए कहा कि संबद्धता उन्होंने नहीं, कार्यपरिषद ने दी है। वहीं शासकीय खर्च पर जर्मनी की यात्रा पर कहा कि यह यात्रा यूनिवर्सिटी के फंड से की गई थी। वह वहां वीसी सम्मेलन में हिस्सा लेने गए थे।