-लालू प्रसाद को सीएम पद के दावेदार के रूप में नया नेता सामने लाना होगा

PATNA: लालू प्रसाद चारा घोटाले मे सजायाफ्ता हैं। चारा घोटाले का मामला नीतीश कुमार पर से भी अभी हटा नहीं। चल ही रहा है, लेकिन लालू प्रसाद की पार्टी ने बेहतर परफॉरमेंस कर भी दिया तो उससे क्या होगा। लालू प्रसाद तो कुर्सी पर आने से रहे। ऐसे में उन्हें अपना नया उत्तराधिकारी बनाना ही होगा। इधर के दिनों में जब उत्तराधिकारी की बात लालू प्रसाद से किसी ने पूछा तो उन्होंने अपने अंदाज में कहा था कि वे अभी जिंदा है तो फिर उत्तराधिकारी की बात कहां? लेकिन अब लालू प्रसाद की मजबूरी भी ये होगी कि आरजेडी से किसी ऐसे नेता को सामने लाना होगा जो सीएम पद के योग्य हो।

लालू अपर हैंड हो गए। इस गणित को देखिए

बिहार में क्0 सीटों पर हुए उपचुनाव के जो नतीजे आए हैं उस पर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों खुश हैं। जो ताजा परिणाम आए उसके अनुसार क्या तस्वीर उभर सकती है-

बिहार विधान सभा का स्ट्रेंथ ख्ब्फ् का है। इसे ख्ब्0 ही मान कर चलें तो ऐसे में-

जेडीयू

-जेडीयू को क्0 में ख् सीटें आयी हैं। यानी ख्ब्0 में आएंगी ब्8 सीटें, जबकि विधान सभा में जेडीयू के क्क्7 एमएलए हैं।

आरजेडी

-आरजेडी को क्0 में से फ् सीटें मिलीं यानी ख्ब्0 में आएंगी 7ख् सीटें, जबकि वर्तमान में आरजेडी के ख्ख् एमएलए हैं।

कांग्रेस

-कांग्रेस को क्0 में से क् सीट मिलीं। यानी ख्ब्0 में से ख्ब् सीटें मिलेंगी। वर्तमान में कांग्रेस के ब् एमएलए हैं।

बीजेपी

-बीजेपी को क्0 में से ब् सीटें मिलीं। यानी ख्ब्0 में से 9म् सीटें मिलेंगी। वर्तमान में बीजेपी के 9क् एमएलए हैं।

नए परिणाम के अनुसार नफा और नुकसान

-जेडीयू को म्9 सीटों का नुकसान होगा।

-आरजेडी को भ्0 सीटों का फायदा होगा।

-कांग्रेस की ख्0 सीटें बढ़ेंगी।

-बीजेपी को भ् सीटें बढ़ेंगी।

-यानी नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को ही नुकसान होगा बाकी तीनों को फायदा होगा।

क्यों बड़ा है ये परिणाम

सबसे पहली बात तो ये कि ये उपचुनाव जाति-पाति और परिवार की जीत पर वोटरों की मुहर की तरह है। दूसरी बात ये कि आने वाले समय में ख्0क्भ् का जो चुनाव होगा वो सीएम पद के दावेदार को देखकर होगा। लालू प्रसाद इसमें सबसे पहले पिछड़ेंगे क्योंकि वे सजायाफ्ता हैं और सीएम नहीं बन पाएंगे। नीतीश कुमार बड़े दावेदार हैं। शर्त ये है कि चारा घोटाले या स्लीपर जैसे मामले में कोर्ट का कैसा स्टैंड रहता है। लालू प्रसाद की उम्र भी बढ़ रही है। नीतीश कुमार युवाओं में दूसरे तरह से लोकप्रिय भी रहे हैं। सुशील कुमार मोदी को अब अपनी ही पार्टी में नेतृत्व की लड़ाई लड़नी पड़ेगी। विरोधियों को आवाज उठाने का मौका मिल गया है।

बिहार के बाहर तक असर होगा

बीजेपी के विरोधी वोटरों के लिए ये आशा की किरण है कि बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा महागठबंधन बना। इस गठबंधन ने बता दिया कि बीजेपी के उलट बड़ा वोट बैंक बिहार में मौजूद है। ममता बनर्जी और पटनायक जैसे नेता बिहार की ओर देख रहे हैं। यानी इस चुनाव परिणाम का असर बिहार के बाहर तक होगा।

बिहार विधान परिषद् पर लालू प्रसाद की नजर

बिहार विधान परिषद् की एक सीट गुलाम गौस के इस्तीफे से खाली हुई है। इसकी खूब चर्चा है कि लालू प्रसाद अपनी बेटी मीसा भारती को विधान परिषद् भेजना चाहते हैं। बहुत संभव है कि लालू प्रसाद पत्नी राबड़ी देवी के बाद मीसा भारती को सीएम पोस्ट के दावेदार के रूप में पेश करें।