-सुशील मोदी की टिप्पणी पर बोले कि उन्हें बयान देने की बीमारी है

-शनिवार को करम महोत्सव में भाग लेने पहुंचे जमशेदपुर

JAMSHEDPUR: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद नेता मो। शहाबुद्दीन के जेल से बाहर निकलने पर कहा कि वह न्यायपालिका पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। शहाबुद्दीन को जमानत मिलना कानूनी प्रक्रिया है। बिहार सरकार द्वारा अदालत में अपना पक्ष मजबूती से नहीं रखने के आरोप को नीतीश ने बेबुनियाद बताया। बोले कि शहाबुद्दीन कई साल जेल में रहे, ट्रायल हुआ। बेल के लिए आवेदन दिया, इस पर अदालत ने निर्णय लिया। कुमार ने शहाबुद्दीन को जमानत मिलने पर भाजपा नेता सुशील मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि मोदी बेरोजगार हो गए हैं। बकौल नीतीश वह सुशील मोदी के बयान न देखते हैं, न पढ़ते हैं, न सुनते हैं और ना ही उस पर कोई टिप्पणी करते हैं। उनके बयानों में कोई जिम्मेदारी का भाव नहीं होता है। कुमार शनिवार को करम महोत्सव में भाग लेने जमशेदपुर पहुंचे थे। वह यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उठाया था कुड़मियों का मसला

नीतीश कुमार ने कहा कि करमा महोत्सव का कार्यक्रम एक सामाजिक कार्यक्रम है। कुड़मी सेना ने आग्रह किया तो वह चले आए। उन्होंने कहा कि जब वह केंद्र में मंत्री थे तो तत्कालीन गृह मंत्री एलके आडवाणी के सामने झारखंड के कुड़मियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग उठाई थी। यहां के कुड़मी मूलवासी हैं। इनकी संस्कृति और स्वभाव आदिवासी संस्कृति जैसा ही है।

शराबबंदी की पुरजोर वकालत की

बिहार के मुख्यमंत्री ने झारखंड में भी शराबबंदी की पुरजोर वकालत की। कहा, कि अगर झारखंड में शराब नहीं बंद हुई तो जनता अगली बार सीएम बदल देगी। बिहार की सीमा से झारखंड में दो किलोमीटर तक किसी शराब दुकान को खोलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। नीतीश बोले कि झारखंड के सीएम नहीं सुन रहे हैं। शराबबंदी से नुकसान नहीं फायदा है। बिहार को भ्000 करोड़ की आमदनी हो रही थी। अब शराब बंद होने के बाद लोग पैसे बचा रहे हैं। इसे अच्छे काम में खर्च कर रहे हैं। इससे बिहार का ग्रोथ रेट बढ़ेगा। घरेलू ¨हसा घटी है। शराब का कारोबार अनैतिक है। इससे सरकार को आमदनी नहीं करनी चाहिए। नीतीश बोले कि बिहार में रात को एक-दो पैग पीने