उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यसभा उपचुनाव के बहाने भाजपा बिहार की जीतन राम मांझी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है.

नीतीश ने भाजपा के इरादों को नाकामयाब करने के लिए इन दलों से यह अपील की.

पटना स्थित वरिष्ठ पत्रकार सुरूर अहमद का कहना है कि भाजपा विरोधी गोलबंदी की पहल करके नीतीश यह स्वीकार कर रहे हैं कि वर्तमान में भाजपा ही राज्य में सबसे ताक़तवर राजनतिक दल है.

सुरुर अहमद ने याद दिलाया कि पहले नीतीश ने लालू विरोध के नाम पर भाजपा से हाथ मिलाया था और अब भाजपा विरोध के नाम पर फिर से बीस साल बाद लालू के क़रीब आ रहे हैं. उनके अनुसार यह पहल राजनीतिक रूप से क्या आकार लेता है यह आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा.

बिहार में 19 जून को राज्यसभा की दो सीटों पर चुनाव होना है.

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बाग़ी हुए विधायकों के कारण यह चुनाव दिलचस्प हो गया है.

साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा अब तक इस संबंध में अंतिम फ़ैसला नहीं लिए जाने के कारण भी यह चुनाव लगातार चर्चा में बना हुआ है.

टेलीफ़ोन कर मांगा सहयोग

नीतीश ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव से टेलीफ़ोन पर बात की है.

हालांकि नीतीश कुमार ने 2015 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के संभावित गठबंधन पर उठे सवाल को यह कहते हुए टाल दिया कि फ़िलहाल जिस आधार पर राजद ने पिछले दिनों जीतन राम मांझी सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए विश्वास मत का समर्थन किया था, उसी आधार पर वे राज्यसभा चुनाव में पार्टी से समर्थन की अपील कर रहे हैं.

लेकिन राजनीतिक हलक़ों में इसे जदयू और राजद की बढ़ती नज़दीकी के रूप में देखा जा रहा है.

आरोप बेबुनियाद

वहीं दूसरी ओर नीतीश के आरोपों को भाजपा के बिहार इकाई के अध्यक्ष मंगल पांडेय ने बेबुनियाद बताते हुए कहा कि जदयू के घर में आग ख़ुद नीतीश कुमार ने लगाई है.

उनके अनुसार पिछले साल 16 जून को एनडीए गठबंधन से अलग होने के नीतीश कुमार के फ़ैसले से इसकी शुरुआत हुई.

मंगल पांडेय ने कहा कि दोनों निर्दलीय प्रत्याशियों के नामांकन में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है. भाजपा 18 जून को राज्यसभा चुनावों के संबंध में अंतिम फ़ैसला लेगी.

भाजपा का डर

हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में बिहार में भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दल लोक जनशक्ति पर्टी ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया है.

लालू प्रसाद यादव ने विधानसभा में जदयू की सरकार का समर्थन किया है.क़यास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा के कारण एक ज़माने में साथ रहे नीतीश और लालू फिर से साथ आ सकते हैं.

International News inextlive from World News Desk