- एनआईवीएच में दृष्टिबाधित बच्चे के सेक्सुअल हरासमेंट का मामला

- एक संस्था द्वारा दर्ज कराया गया था केस

- आरोपी शिक्षक को आज किया जाएगा कोर्ट में पेश

देहरादून, राजपुर रोड स्थित एनआईवीएच में छात्र के साथ सेक्सुअल हरासमेंट के मामले में पुलिस ने आरोपी टीचर को अरेस्ट कर लिया है। आज आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। सेक्सुअल हरासमेंट का यह मामला काफी चर्चित रहा था और शुरुआत में पुलिस भी आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने में आनाकानी करती रही। हालांकि एक एनजीओ द्वारा यह केस दर्ज कराया गया, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और मंडे को आरोपी शिक्षक को अरेस्ट कर लिया। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित करता रहा है।

एनजीओ ने दर्ज कराया था केस

आरोपी शिक्षक के खिलाफ बचपन बचाओ आंदोलन संस्था के सदस्य सुरेश उनियाल ने बीते माह 24 मई को राजपुर थाने में तहरीर दी थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद छात्र के बयान लिए गए और फिर मंडे को आरोपी शिक्षक रमेश चंद्र कश्यप पुत्र हनुमान प्रसाद कश्यप मूल निवासी सेक्टर चौपासनी हाउसिंग बोर्ड सोसाइटी जोधपुर राजस्थान हाल निवासी राजपुर रोड को गिरफ्तार किया गया।

प्रिंसिपल के नाम लिखा था पत्र

पीडि़त छात्र के पिता ने 19 मई को उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग में ब्रेललिपि में लिखा एक पत्र का और उसका एक्सपर्ट से कराया गया ट्रांसेशनल सौंपा था। छात्र ने प्रिंसिपल को संबोधित करते हुए ब्रेल लिपि में पत्र लिखा था और न्याय की गुहार लगाई थी। पत्र में छात्र ने लिखा था कि स्कूल का म्यूजिक टीचर उसका शारीरिक शोषण कर रहा है और कुछ और बच्चों के साथ भी ऐसा ही किया जा रहा है।

बाल आयोग ने की थी पड़ताल

पीडि़त छात्र के पिता द्वारा शिकायत किए जाने पर बाल आयोग की टीम मामले की पड़ताल करने एनआईवीएच पहुंची थी, आयोग द्वारा बच्चे के बयान लिए गए थे। आयोग के अध्यक्ष द्वारा आरोपी शिक्षक के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए पुलिस को निर्देशित किया गया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद वादी बनकर बचपन बचाओ संस्था के सुरेश उनियाल ने पुलिस को तहरीर दी, तब पुलिस को केस दर्ज करना पड़ा।

पोक्सो एक्ट की पुलिस उड़ाती रही धज्जियां

थाना राजपुर पुलिस के मामला संज्ञान में आने के बाद भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया, जबकि पोक्सो एक्ट अधिनियम के तहत ऐसी कोई भी घटना किसी बच्चे के साथ होने पर पुलिस तत्काल कार्रवाई कर सकती है। पुलिस ने मामले को नजरअंदाज करती रही।

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जिस तरह से बच्चे का उत्पीड़न किया गया था। उससे आरोपी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, इससे भविष्य में कोई भी इस तरह के कदम उठाने से पहले दस बार सोचेगा।

शारदा त्रिपाठी, सदस्य, बाल अधिकारी संरक्षण आयोग