RANCHI : रांची के एसडीओ के पद पर रहते हुए भोर सिंह यादव ने छापडि़या ब्रदर्स में छापेमारी कर सरसो तेल में मिलावट होने का पर्दाफाश किया था। अब रिपोर्ट में उसके मिस ब्रांडिंग किए जाने की बात कही जा रही है। आखिर, एसडीओ के जाते ही सैंपल टेस्ट की रिपोर्ट में अंतर कैसे आ गया, यह सवाल खड़ा कर रहा है। इतना ही नहीं, भोर सिंह यादव के तबादले के बाद से ही मिलावट खोरों और कालाबाजारियों ने राहत की सांस ली है। अब न तो इनकेखिलाफ प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही आरोपियों के खिलाफ कोई एक्शन हो रहा है।

नहीं मिली कोई मिलावट

अपर बाजार स्थित एक प्रतिष्ठान में छापेमारी के दौैरान सरसो तेल में मिलावट किए जाने की बात सामने आई थी। छापेमारी करने वाले तत्कालीन एसडीओ भोर सिंह यादव ने तेल के सैंपल को जांच के लिए जब्त कर लिया था। इसके अलावा रातू थाना क्षेत्र के हेहल जामुन टोली में स्थित एक तेल री-पैकेजिंग प्लांट पर भी उन्होंने धावा बोला था। यहां भी रिफाइन में मिलावट किए जाने की बात सामने आई थी। इन दोनों प्रतिष्ठानों में जब्त तेलों के सैंपल को जांच के लिए नामकुम आरसीएच स्थित स्टेट फूड लेबोरेटरी भेजा गया था। रिपोर्ट में तेल के ब्रांड के गलत इस्तेमाल किए जाने की की बात कही जा रही है।

जांच करने वाले ने ही बदल दिए सैंपल

एसडीओ पद पर रहते भोर सिंह यादव ने पिस्का मोड़ स्थित कृषि धन और कृषि इंडिया में छापेमारी कर नकली बीज को पैक कर बेचे जाने के मामले का खुलासा किया था। इतना ही नहीं, दुकानदार के पास बीज विक्रेता होने का लाइसेंस भी नहीं था। इसके अलावा रातू के बिजुलिया के निर्मला कोल्ड स्टोर में छापेमारी के दौैरान मटर, धनिया और चना के बीजों के नकली होने की बात सामने आई थी। लेकिन, एसडीओ के तबादले के साथ ही इसकी जांच करने वाले अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने जांच के लिए जब्त सभी सैंपल ही बदल दिए। हालांकि, जब डीसी ने इसकी जांच कराई तो मामला पकड़ा गया। ऐसे में जांच अधिकारी को जेल भेज दिया गया है।

नहीं रुकी स्टांप की कालाबाजारी

भोर सिंह यादव ने एसडीओ रहते वेष बदलकर कचहरी परिसर में स्टांप वेंडर्स के ठिकानों पर धावा बोला था। मौके पर ही उन्होंने 20, 50 और 100 रुपए के स्टांप की कालाबाजारी किए जाने के मामले का पर्दाफाश किया था। छह स्टांप वेंडर्स को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था। उनके इस छापे से स्टांप वेंडर्स में हड़कंप मच गया था। लेकिन, उनके तबादले के बाद स्टांप वेंडर्स ने चैन की सांस ली। अब फिर से यहां 20,50 और 100 रुपए केस्टांप की किल्लत बताकर कालाबाजारी में बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं, जिन्हें स्टांप की कालाबाजारी के आरोप में जेल भेजा गया था, वे भी बाहर आ चुके हैं।

सज रही हैं पटाखा की दुकानें

अपर बाजार की संकरी गलियों में स्थित सभी पटाखा दुकानों को 10 दिनों के अंदर हटाने का आदेश भोर सिंह यादव ने एसडीओ के पद पर रहते हुए दिया था। उनका कहना था कि भीड़-भाड़ वाले इलाके में पटाखा की दुकानों का होना खतरनाक है। ऐसे में पटाखा कारोबारियों ने डीसी को आवेदन देकर कहा था कि उन्होंने दुकानों के संचालन में नियमों का पूरी ध्यान रखा है। ऐसे में डीसी ने इसकी जांच के लिए एक टीम बनाई थी। इस टीम ने अपने रिपोर्ट में कहा था कि अपर बाजार में पटाखा दुकानें शस्त्र अधिनियम के तहत नही हैं। अग्निशमक विभाग के नियम के अनुरूप भी दुकान नही है, लेकिन इसके बाद भी यहां से दुकानें नहीं हटाई जा सकी हैं। पहले की तरह ही पटाखा दुकानें यहां सज रही हैं।