हालांकि, स्टूडेंट्स का कहना है कि यूनिवर्सिटी को अपने इस फैसले को वापस लेना चाहिए। जिससे सभी स्टूडेंट्स अपनी मनपसंद स्ट्रीम में एडमिशन लेकर आगे की पढ़ाई जारी रख सकें।

प्रवेश समिति की बैठक में
पिछले दिनों यूनिवर्सिटी में प्रवेश समिति की बैठक का आयोजन हुआ। 14 सदस्यीय कमेटी में प्रवेश प्रक्रिया के मद्देनजर कई बिंदुओं पर अहम फैसले हुए। इनमें सबसे अहम फैसला हायर स्टडीज के लिए एडमिशन प्रक्रिया को लेकर था। कमेटी की नई गाइडलाइंस के तहत अगर किसी स्टूडेंट की पढ़ाई में एक साल का गैप पाया जाता है तो उसे नेक्स्ट सेशन में एडमिशन नहीं दिया जाएगा।

खत्म हुआ एंट्रेंस, लेकिन फायदा क्या?
इस बार यूनिवर्सिटी ने विशेष तौर पर एमएससी में एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट को खत्म कर दिया है। कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जो लास्ट सेशन में एमएससी एंट्रेंस में अपीयर हुए थे। मगर, एंट्रेंस क्लियर नहीं कर पाने की वजह से उनका साल बेकार हो गया था। इस बार एमएससी में एंट्रेंस खत्म होने से ऐसे स्टूडेंट्स काफी खुश थे। कि कम से कम साइंस स्ट्रीम में पोस्ट ग्रेजुएट होने का मौका तो मिलेगा। मगर, एक साल का गैप होने की वजह से उनके सपने धराशायी होते नजर आ रहे हैं।

प्रिंसिपल बने आखिरी सहारा
जिन स्टूडेंट्स ने एक साल पहले पढ़ाई छोड़ दी थी। उनके लिए अब कॉलेज के प्रिंसिपल ही उम्मीद की पहली और आखिरी किरण बचे हैं। दरअसल, प्रवेश समिति ने कॉलेज प्रिंसिपल को यह अधिकार दे रखा है कि अगर वो चाहें तो डिजर्विंग स्टूडेंट को गैप होने के बावजूद एडमिशन दे सकते हैं। एडमिशन के वक्त स्टूडेंट्स को एफिडेविट जमा करना होगा। हालांकि, प्रिंसिपल हर किसी स्टूडेंट को रिकमेंड करेंगे। इस बात पर थोड़ा डाउट है।

फैसला वापसी की मांग
यूनिवर्सिटी के इस फैसले पर स्टूडेंट्स में काफी नाराजगी है। करीब दो साल पहले यूनिवर्सिटी से बीएससी करने वाले स्टूडेंट अतुल के अनुसार प्रवेश समिति का यह फैसला स्टूडेंट्स के हित में नहीं है। ऐसी सिचुएशन में कॉलेज प्रिंसिपल सभी स्टूडेंट को तो रिकमेंड नहीं कर सकता। इसलिए यूनिवर्सिटी को अपना फैसला वापस लेना चाहिए। वीएसएसडी कॉलेज से बीएससी करने पवन कुमार के मुताबिक वो भी एमएससी करना चाहते हैं। मगर, उन्होंने बीएससी करीब आठ साल पहले किया था। मगर, इस फैसले से उन्हें एडमिशन नहीं मिलेगा।

एडमिशन के मानक :
स्ट्रीम    परसेंटेज 
 बीए        40
बीकॉम      45
बीएससी (पीसीएम) 45
एमए        40
एमकॉम     45
एलएलबी   45 

नोट : एससी-एसटी को 5 परसेंट तक और नेशनल-स्टेट लेवल स्पोट्र्सपर्सन को माक्र्स में 2 परसेंट की छूट.


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