छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र :बागबेड़ा थाना के नागाडीह में बच्चा चोर की अफवाह में हुई तीन हत्याओं में एक माह बाद भी मात्र एक नामजद आरोपी को पुलिस गिरफ्तार कर पाई है। जबकि इस मामले में 17 लोग नामजद आरोपी हैं। नागाडीह में विकास वर्मा, गौतम वर्मा और गंगेश गुप्ता की 18 मई की शाम ग्रामीणों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। पुलिसकर्मियों पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था। वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। घटना राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुई थी। 18 जून को घटना के एक माह पूरे हो गए, लेकिन युवकों की हत्या में नामजद 17 आरोपी समेत अज्ञात 300 भीड़ के खिलाफ बागबेड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

मात्र एक की हो सकी है गिरफ्तारी

इस हत्या की घटना पर निगाह दौड़ाई जाय तो मामले में नामजद 17 आरोपियों में महज एक नामजद आरोपी समेत 18 ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है जबकि 16 नामजद आरोपी अब तक गिरफ्त से दूर है। सभी की फरारी का गिरफ्तारी वारंट और इश्तेहार न्यायालय से जारी किया जा चुका है।

हत्या की घटना के बाद 19 मई को शहर पहुंचे प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक आरके मल्लिक ने कहा था दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। आरोपियों की घरों की कुर्की पुलिस करेंगी। 20 मई को आइजी आशीष बत्रा ने भी कुछ ऐसा ही कहा था। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया। समय बीतता गया। कानूनी कार्रवाई सुस्त होती चली गई।

फरार चल रहे नामजद आरोपी

तिहरे हत्याकांड के नामजद आरोपी नागाडीह गांव के मुखिया राजाराम हांसदा, ग्राम प्रधान जगता मार्डी, सुनिल सरदार, डॉ। मार्डी, गुलाम सरदार, गोपाल, सुभाष हांसदा, बाबू मंडल, दारा मंडल, गणेश मंडल, लेदा मुर्मू, राजेश टुडू व रादल सोरेन समेत तीन फरार हैं।

घटना की प्रत्यक्षदर्शी रामसखी 30 दिन से अस्पताल में

तीन युवकों की हत्या की प्रत्यक्षदर्शी रामसखी देवी 18 मई से टीएमएच में दाखिल है और उसकी स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है। परिवार वाले अस्पताल का चक्कर 30 दिन से काट रहे हैं। घटना के सदमे से परिवार वाले अब तक उभर नहीं पाए हैं। रामसखी देवी के सामने ही ग्रामीणों ने उनके पोते विकास वर्मा और गौतम वर्मा समेत एक युवक को पीट-पीटकर मार डाला था। वृद्धा ग्रामीणों से हाथ-पैर जोड़कर पोतों की जान बख्श देने की गुहार लगाती रही थी, लेकिन किसी ने रहम दिखाई। रामसखी को को अधमरा कर दिया था।