RANCHI : झार2ांड सरकार को कोई एविएशन कंपनी लीज पर हेलिकॉप्टर देने को तैयार नही है। इस साल जुलाई महीने से एविएशन डिपार्टमेंट की ओर से क6पनियों को लगातार आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं, लेकिन किसी भी एविएशन कंपनी ने इसमें रूचि नहीं दिखाई। इस वजह से तीन दिन पहले आवेदन करने की तारीख फिर बढ़ा दी गई है। छह जनवरी तक का समय दिया गया है कि क6पनियां फिर से आवेदन दें। मालूम हो कि पिछले छह महीने में चार बार आवेदन देने की तारीख चार बार बढ़ाई जा चुकी है, लेकिन एक भी कंपनी के साथ करार नहीं हो सका है।

ये आ रही है अड़चन

झारखण्ड सरकार के पास अपना हेलिकॉप्टर नही है। सरकार फिर से 5ाड़े पर ही हेलीकॉप्टर लेने के मूड में है। इसके लिए एयरक्रा3ट की वेट-लीज ब्रांड न्यू 2016-2017 मेड हेलीकॉप्टर लेने की तैयारी की जा रही है। एविएशन डिपार्टमेंट की ओर से प्राइवेट कंपनियों से लीज पर पांच साल के लिए ली जाएगी। वेट लीज हेलिकॉप्टर का मतलब है कि इस तरह के करार से हेलीकॉप्टर के मेंटेनन्स का खर्च कंपनी के ऊपर ही आएगा। साथ ही को6पेटेटीव रेट की वजह से सरकार को सुविधा होगी।

आर्यन कंपनी दे रही है सर्विस

राज्य सरकार प्राइवेट कंपनी से किराए में हेलीकॉप्टर लेकर झारखंड सरकार काम चला रही है। लेकिन यह हेलीकॉप्टर भी कई बार धोखा दे रहा है। झारखंड सरकार अभी पांच सीटेड आर्यन एविएशन कंपनी का अगस्टा। 109 हेलीकॉप्टर यूज कर रही है। इसी हेलीकॉप्टर से मु2यमंत्री और मंत्री यात्रा कर रहे हैं।

एक साल में 18 करोड़ दे रही किराया

झारखंड सरकार अभी 3 लाख रुपए प्रति घंटे 3लाइंग की दर से हेलीकॉप्टर का किराया दे रही है। आर्यन कपंनी के हेलीकॉप्टर को झारखंड सरकार हर महीने कम से कम 50 घंटा यूज कर रही है। बदले में कंपनी को सरकार हर महीने डेढ़ करोड़ का भुगतान कर रही है। यानी सरकार सालाना 18 करोड़ रुपए हेलीकॉप्टर के किराए के रूप में खर्च कर रही है।

जेट एयरक्रा3ट खरीदने का प्लान फेल

सरकार ने 2016 में एक बिज़ेनस जेट एयरक्त्रा3ट और एक मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर खरीदने की पहल भी की थी। इसके लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया था, लेकिन अभी मामला जस का तस है।