Health के लिए खतरनाक
एनालजिन है? जी हां, कितने टैŽलेट चाहिए? दो रुपए दिए और बिना किसी झिझक के दुकानदार ने दो टैŽलेट दे दिए। शायद आप सोच रहें हैैं कि आखिर दवा देने में दुकानदार को झिझक क्यूं हो, कस्टमर दवा मांगे तो दुकानदार देगा ही लेकिन कोई आम दवा होती तो बेशक कोई परेशानी नही होनी चाहिए थी लेकिन ये केस कुछ अलग है। ह्यïूमन हेल्थ के लिए खतरनाक बताते हुए गवर्नमेंट ने 18 जून 2013 को नोटिफिकेशन जारी कर एनालजिन के मैन्यूफैक्चरिंग, सेल और डिस्ट्रीŽयूशन पर बैन लग रखा है। इस दवा पर बैन लगे करीब पांच महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, पर सिटी में बैन का कोई असर नहीं है। कई दुकानों पर ये दवा खुलेआम बेची जा रही है।

चार drugs पर लगी थी ban
गवर्नमेंट ने चार दवाइयों को ह्यïूमन हेल्थ पर होने वाले रिस्क को देखते हुए बैन किया था। इनमें एनालजिन, डेक्सट्रोप्रोपॉक्सिफेन, फ्लूपेंथीजॉल+ मेलिट्रासेन और पायोग्लिटाजोन मेडिसिन्स शामिल है। हालांकि बाद में ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड के रिकोमेंडेशन पर डायबिटीज में इस्तेमाल किए जाने वाले पायोग्लिटाजोन पर से कुछ शर्तो के साथ बैन हटा लिया गया। इन शर्तो में दवा के पैकेज पर और उसके भीतर प्रमोशनल लिटरेचर में डायबिटीज के में फस्र्ट लाइन के ऑफ थेरेपी के रुप में इस्तेमाल ना करने, मैन्यूफैक्चरर्स द्वारा बोल्ड रेड लेटर्स में हेल्थकेयर प्रोफेशनल के लिए इस दवा के इस्तेमाल से संबंधीत सुझाव लिखे जाने को कहा गया है। इसके अलावा पिछले तीन सालों में ह्यïूमन यूज के लिए गैटिफ्लॉक्सासिन, रोजीग्लिटाजोन, 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए निमोस्लाइड फार्मूलेशन, लेट्रोजोल सहित ग्यारह ड्रग्स पर बैन लगाया गया है।

दुकानदार बन जाते हैं डॉक्टर
भाई सर में दर्द है बुखार भी है कोई दवा है क्या? दुकानदार का इतना भर सुनना था कि पैरासेटेमॉल निकाल कर सामने वाले को एक पैरासेटॉमॉल की इस फाइल पकड़ा दी। सिटी में दवाओं की बिक्री का बहुत से मामले में ऐसा ही तरीका है।

'बैंड मेडिसिन की ब्रिकी हो रही है तो कार्रवाई की जाएगी। बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवा नहीं बेची जा सकती.'
-सुमंत कुमार तिवारी, ड्रग इंस्पेक्टर

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in