RANCHI: रिम्स में मरीजों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। स्थिति यह है कि नए डायरेक्टर के ज्वाइन करने के बाद भी इलाज करा रहे मरीजों को पर्याप्त सुविधाएं देने में प्रबंधन नाकाम साबित हो रहा है। यही वजह है कि सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में भी मरीजों को जेनरल वाली सुविधाएं नसीब नहीं हो रही हैं। जहां मात्र एक बेडशीट बिछाकर ठंड में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इससे मरीजों का दर्द और बढ़ गया है। इसके बावजूद मरीजों को एक मैट्रेस तक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है।

यूरोलॉजी में बढ़े मरीज

सुपरस्पेशियलिटी ब्लाक का यूरोलॉजी डिपार्टमेंट शुरू होने के बाद मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। बिहार-झारखंड के अलावा बंगाल और ओडि़शा से भी लोग इलाज कराने पहुंच रहे हैं। लेकिन उन्हें बेड तो दूर एक मैट्रेस भी नसीब नहीं हो पा रहा है। ऐसे में वे जमीन पर प्लास्टिक बिछाकर रहने को मजबूर हैं।

कई विभाग के मरीजों को कंबल नसीब नहीं

हाड़ कंपाने वाली ठंड से स्वस्थ लोग भी परेशान हैं। लेकिन मरीजों के लिए यह दर्द बढ़ाने वाला हो गया है। इसके बावजूद रिम्स के कई वार्डो में मरीजों को कंबल भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। इससे वे ठंड में रात गुजारने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं, कई लोग तो कंबल खरीदकर ठंड से खुद को बचा रहे हैं।

मरीजों ने बताई परेशानी

मैं अपने ससुर को लेकर बंगाल से इलाज के लिए आया हूं। उन्हें पेशाब की थैली में परेशानी है। लेकिन यहां आने पर एक चादर और कंबल दे दिया गया है। किसी तरह जमीन पर चादर बिछाकर हैं। ठंड काफी है तो परेशानी होगी ही।

नारायण

पांच दिन से इलाज के लिए एडमिट हैं लेकिन आजतक न तो बिस्तर मिला है और न ही गद्दा। ठंड में एक कंबल से ही गुजारा हो रहा है। पूछने पर बताया गया कि बेड खाली होने पर दिया जाएगा पर अभी तक कोई देखने तक नहीं आया।

जेरमेन उरांव

वर्जन

हमारे पास मैट्रेस की कोई कमी नहीं है। जहां तक कंबल और चादर की बात है तो वो भी पर्याप्त है। हमारे पास डिमांड की जाती है तो सप्लाई तुरंत की जाएगी। फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है। अगर जानकारी मिलती है तो तत्काल मरीजों को मैट्रेस और कंबल उपलब्ध करा दिया जाएगा।

डॉ। रघुनाथ, मेडिकल आफिसर, स्टोर, रिम्स