RANCHI : रिम्स ब्लड बैंक कंगाल हो चुका है। हालात है कि एक यूनिट ब्लड भी बैंक में नहीं बचा है। ऐसे में यहां ब्लड के लिए हाहाकार मचा हुआ है। हॉस्पिटल में जरूरतमंद मरीजों को भी ब्लड नहीं मिल रहा है। फिलहाल यहां उन्हीं को ब्लड देने की कराने की कोशिश हो रही है, जो डोनर्स को लेकर आ रहे हैं। इसके लिए भी उन्हें ब्लड उपलब्ध कराए जाने को लेकर इंतजार करना पड़ रहा है। ब्लड बैंक में खून की किल्लत कब और कैसे दूर होगी, यह न तो हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन को पता है और न ही मरीजों को।

इमरजेंसी के लिए ही खून

रिम्स में ब्लड के लिए त्राहिमाम-त्राहिमाम हो रहा है। सिर्फ इमजरेंसी के लिए ही कुछ यूनिट ब्लड है। ऐसे में मरीजों को यहां से ब्लड उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। सिर्फ डोनर्स लेकर आने वाले मरीज को ही ब्लड देने की कोशिशें हो रही है, लेकिन इसके लिए भी मरीज व उनके परिजनों को इंतजार करना हो रहा है। इतना ही नहीं, सिर्फ उन्हीं मरीजों को ब्लड दिया जा रहा है, जो सेम ग्रुप का ब्लड डोनर लेकर आ रहे हैं।

डोनर ढूंढ रहे मरीज व उनके परिजन

रिम्स में इलाजरत मरीज व उनके परिजन ब्लड को लेकर खासे परेशान हैं। ब्लड बैंक में खून नहीं होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना हो रहा है। अब वे इलाज से ज्यादा ब्लड डोनर्स को ढूंढ रहे हैं, वह भी सेम ग्रुप का, ताकि हॉस्पिटल में उन्हें ब्लड मिल सके। हालांकि, इसके बाद भी प्रॉसेसिंग में काफी समय लग जा रहा है, जिस कारण उन्हें ब्लड लेने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

ब्लड डोनेट करने के लिए लोग आएं आगे

रिम्स ब्लड बैंक में खून की किल्लत को लेकर हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन भी खासी चिंतित है। डायरेक्टर डॉ आरके श्रीवास्तव ने कहा कि डोनेशन कैंप लगाए जाने के बाद भी अपेक्षा के अनुरुप लोग ब्लड डोनेट करने के लिए नहीं आ रहे हैं। ऐसे में यहां जितनी ब्लड की डिमांड होती है, उस हिसाब से ब्लड उपलब्ध नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे जनहित में ब्लड डोनेट करने के लिए आगे आएं, ताकि ब्लड बैंक में ब्लड की किल्लत दूर हो सके।