RANCHI: रिम्स सुपरस्पेशियलिटी कार्डियोलॉजी में इलाज के लिए बीपीएल मरीजों को भी पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। वहीं, एंजियोग्राफी के लिए उन्हें 5-6 हजार रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। इससे इलाज के लिए आने वाले दिल के मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं परिजनों पर खर्च बढ़ रहा है, सो अलग। यह सब रिम्स प्रबंधन की नाक के नीचे चल रहा है। इसके बावजूद रिम्स प्रबंधन की नींद नहीं खुल रही है।

बीपीएल कार्ड दिखाने का फायदा नहीं

इलाज के लिए आने वाले मरीज अपने साथ बीपीएल कार्ड लेकर आते हैं। वहीं गुलाबी कार्ड वालों को भी फ्री सुविधा का लाभ मिलना है। इसके बावजूद मरीजों को कार्ड दिखाने का फायदा नहीं मिल रहा है। बस डॉक्टर का आर्डर और परिजनों को दवा लेकर आना है।

दिल के इलाज में 5 हजार खर्च, बिल भी नहीं दिया

केस-1

मांडर से आए स्टीफन के चाचा को दिल में दर्द उठा था। परिजन उन्हें लेकर रिम्स आए। जहां कार्डियोलॉजी में उनका इलाज शुरू किया गया। इस दौरान गुरुवार को उनका आपरेशन हुआ। इसमें 5 हजार रुपए खर्च लिया गया। इसके लिए उन्हें कोई बिल भी नहीं मिला। बस दवा और अन्य आइटम लाने के लिए दुकान बता दी गई।

सीने में दर्द, 6 हजार बताया खर्च

केस-2

धनबाद से आए मलबूल को सीने में दर्द की शिकायत है। वह गुरुवार को इलाज कराने के लिए रिम्स में भर्ती हुए हैं, जहां पहले ही उन्हें 6 हजार रुपए खर्च बता दिया गया है। अब उन्हें चिंता सता रही है कि वे छह हजार रुपए कहां से लाएं। लेकिन इलाज कराना है तो छह हजार रुपए देना भी मंजूर है।

वर्जन

बीपीएल मरीजों को इलाज और दवा की सुविधा फ्री में मिलेगी। इसके अलावा जो भी सुविधाएं हास्पिटल से उन्हें दी जा सकती हैं, उसमें एंजियोग्राफी भी है। लेकिन उसके लिए उन्हें साइन कराना होगा। तभी उन्हें फ्री में किट व अन्य चीजें मिलेंगी। केवल कैदियों के लिए सारी जांच और सुविधाएं पूरी तरह से फ्री हैं। इसमें दवा नहीं होने पर आर्डर देकर मंगाया जाता है।

-डॉ। संजय कुमार, डीएस, रिम्स