पौधरोपण कराकर भूल जाते हैं जिम्मेदार

2016 में लगाए गए ज्यादातर पौधे गायब

GORAKHPUR: जिले में हर साल प्लांटेशन कराया जाता है। वन विभाग के साथ-साथ अन्य संस्थाएं भी जोर-शोर से पौधे लगवाती हैं, लेकिन पौधरोपण के बाद जिम्मेदार उन पेड़ों को भूल जाते हैं। पलटकर पौधों की हालत देखने कोई नहीं जाता। इसका अंदाजा कुसम्ही जंगल में पिछले साल लगे पौधे को देख कर लगा सकते हैं। एक साल पहले जहां सीनियर अफसरों ने जोर-शोर से पौधे लगवाए थे। इस साल वहां सिर्फ सूखी झाडि़यां नजर आ रही हैं। कुसम्ही जंगल जैसी जगह पर जब यह हाल है तो सहज अनुमान लगा सकते हैं कि आखिर अन्य जगहों पर लगे पौधों का कितना विकास हुआ होगा। पौधों के सूखने, उनके नष्ट होने की जिम्मेदारी दूसरों पर थोंपकर अफसर अपनी जवाबदेही से बचते रहते हैं।

बुढि़या माई मंदिर के पास लगवाए थे पौधे

2016 के जुलाई में प्रदेश सरकार ने 'क्लीन यूपी ग्रीन यूपी' का अभियान चलाया था। जिले में कार्यक्रम का शुभारंभ तत्कालीन कमिश्नर पीगुरु प्रसाद, तत्कालीन डीएम ओएन सिंह और पिपराइच की तत्कालीन विधायक राजमती निषाद ने किया था। कुसम्ही जंगल के बुढि़या माई मंदिर परिसर के पास रजही बीट में पौधरोपण कराया गया। इस दौरान प्रशासन और वन विभाग के अफसर मौजूद थे। पब्लिक, एनजीओ और स्कूली बच्चों के बीच पर्यावरण संरक्षण की बड़ी-बड़ी बातें भी हुई। हालांकि कार्यक्रम के बाद उस जगह को अफसर भूल गए। पौधों की सुरक्षा, उनकी देखभाल को लेकर किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई।

वो लगाकर भूले, लापता हाे गए पौधे

जिले में पौधरोपण कराकर अफसर भूल गए। धीरे-धीरे सारे पौधे लापता हो गए। एक साल बाद प्लांटेशन वाली पूरी जगह सूनी पड़ी है। चारों तरफ ऐसा लग रहा है कि वहां पहले कभी कोई प्लांटेशन नहीं कराया गया। बड़ी-बड़ी घास उग आई है। समुचित देखभाल के अभाव में पौधे नष्ट हो गए। बचे-खुचे पौधों को जानवर चर गए। वन कर्मचारियों ने बताया कि बुढि़या माई स्थान के पास जंगल में 576 पौधे लगवाए गए थे। वही हाल जिले के अन्य हिस्सों में भी है। बाकी रेंज के टिकरिया जंगल, कैंपियरगंज, पनियरा, बनगाई, कुसम्ही, बांसगांव, सहजनवां, चौरीचौरा सहित कई जगहों पर हुए पौधरोपण की स्थिति भी वैसी ही है। शहरी एरिया में जीडीए और नगर निगम के लगवाए ज्यादातर पौधे गायब हाे गए हैं।

तब हुई थी यह तैयारी

- प्रदेश भर में पांच करोड़ पौधे लगाने की तैयारी की गई थी।

- जिले में कुल 132 जगहों पर 792575 पौधों का रोपण कराया गया।

- शुरुआत कमिश्नर, डीएम और विधायक ने किया।

- मंडल में 414 जगहों पर 25.65 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित था।

- शहर के विभिन्न हिस्सों में नगर निगम ने 3300 पौधे लगवाए।

- हर रोपण स्थल पर दो गवाह, दो आडिटर की तैनाती की गई थी।

- डीएफ कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाकर जानकारी ली जा रही थी।

- सुपर जोनल मजिस्ट्रेट, जोनल मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई।

- कुसम्ही जंगल में 576 पौधे लगवाए गए थे।

- गड्ढा खोदने में 11 लाख 76 हजार रुपए खर्च हुए।

- पौधों की देखभाल के लिए एक कर्मचारी वाचर की तैनाती की गई।

- कर्मचारी को हर माह 45 सौ रुपए का भुगतान किया जाता था।

-20 प्रतिशत पौधे ही बचे हैं फिलहाल