चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट लगाया तो जाना होगा जेल
तीन अलग-अलग लेवल पर कटेगी ड्यूटी, हॉस्पिटल्स और डॉक्टर्स पर भी लटकी तलवार
प्रशासन ने कर ली है बहानेबाजों को सबक सिखाने की तैयारी
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PRAYAGRAJ: चुनाव ड्यूटी से राहत पाना इस बार बहानेबाजों के लिए आसान नही होगा. उनको इससे बचने के लिए अलग-अलग सरकारी फिल्टर से होकर गुजरना होगा. गलत मेडिकल सर्टिफिकेट दिया तो जेल जाने के साथ संबंधित डॉक्टर या हॉस्पिटल के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है. 19 अप्रैल से प्रशासन द्वारा बनाए गए मेडिकल बोर्ड की बैठक शुरू होने वाली है जिसमें अवकाश के लिए दिए गए कारणों पर विचार कर हरी झंडी दी जाएगी.
आसान नही होगी हरी झंडी
लोकसभा चुनाव से छुटकारे के लिए आने वाली अप्लीकेशंस पर विचार करने के लिए इस बार मेडिकल बोर्ड बनाया गया है. बोर्ड कल से प्रार्थना पत्रों की जांच कर अवकाश के लिए हरी झंडी देगा. फैसला करने में पार्शियलिटी होने पर बोर्ड में शामिल डॉक्टर्स पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है. साथ ही मतदानकर्मियों ने जिन हॉस्पिटल्स या डॉक्टर्स से मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाया है, गलत पाए जाने पर उनका लाइसेंस भी खतरे में पड़ सकता है.
इन कारणों से चाहते हैं चुनाव ड्यूटी से छुटकारा
प्रेगनेंसी
हाथ-पैर में फ्रैक्चर या रीसेंट सर्जरी
ब्लड प्रेशर
डायबिटीज
चक्कर आना
रतौंधी की शिकायत
घबराहट
हार्ट अटैक
कैंसर
लीवर या किडनी की बीमारी
बच्चों की केयर
तीन लेवल पर मिलेगा छुटकारा
1- प्रेगनेंट महिलाओं की कंडीशन को देखते हुए प्रथम दृष्टया खुद सीडीओ द्वारा छूट दी जा रही है
2- कारण से संतुष्ट नही होने पर मेडिकल बोर्ड को रेफर किया जाएगा. जहां से उसे राहत दी जाएगी.
3- मामला अधिक जटिल होने पर मेडिकल बोर्ड पुन: प्रशासन से राय मशविरा कर आगे फैसला लेगा.
मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने से पहले इनका करना होगा पालन
1- क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट 2010
2- यूपी क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट 2016
3- एमसीआई का कोड आफ मेडिकल एथिक्स 2002
4- मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के बाद तीन साल तक उसे अपडेट करना होगा.
ये हैं मेडिकल बोर्ड शामिल
डॉ. अनिल संथानी
डॉ. राहुल सिंह
डॉ. आरएस ठाकुर
डॉ. महानंद यादव
गलत पाए जाने पर होगी ये कार्रवाई
नर्सिग होम सीजर, डॉक्टर का एमसीआई रजिस्ट्रेशन कैंसिलेशन, कारावास
मतदान कर्मचारी पर फर्जीवाडे़ के तहत एफआईआर और इन्क्वायरी
बाहर से लौट रहे मतदानकर्मी
चुनाव ड्यूटी से बचने की प्रक्रिया अधिक कठिन हो जाने पर मतदान कर्मियों में खलबली मची हुई है. हालात यह है कि अधिकतर लोग विकास भवन के बाहर से बैरंग लौट रहे हैं. कुछ की अप्लीकेशन मौके पर सीडीओ द्वारा अमान्य कर दी जा रही हैं. यही कारण है कि काफी कम संख्या में प्रार्थना पत्र मेडिकल बोर्ड के सामने भेजे गए हैं. सरकारी विभागों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि चुनाव के दौरान किसी भी कर्मचारी को अवकाश देने से पहले दो लोगों की ओपिनियन लेनी होगी. बिना नियम कानून का पालन किए अवकाश देने पर एचओडी पर भी गाज गिर सकती है.
हम केवल इतना तय करते हैं कि क्या कोई कर्मचारी एक दिन चुनाव ड्यूटी करने की स्थिति में नही है. बहुत जेनुइन समस्या होने पर लोगों को राहत दी जा रही है. इसके लिए मेडिकल बोर्ड बनाया गया है और सीएमओ के लिए फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने वालों पर लगाम लगाई जा रही है. प्रेगनेंट बिना स्पष्ट कारण बताए चुनाव ड्यूटी से छुट्टी पाना इस बार काफी कठिन है.
अरविंद सिंह,
सीडीओ प्रयागराज