-हाइ कोर्ट ने कहा, विकास प्राधिकरण को इसके अलावा कोई चार्ज वसूलने का हक नहीं

सरकारी शासनादेश रद, जिम्मेदारों को जारी हुई नोटिस

ALLAHABAD: विकास प्राधिकरणों का काम एरिया के डेवलपमेंट का है। इसके अलावा उसे कोई टैक्स वसूल करने का अधिकार नहीं है। सरकार भी इस संबंध में कोई आदेश जारी करती है तो वह अवैध है। इसी के साथ इलाहाबाद हाइ कोर्ट ने प्राधिकरणों द्वारा वसूले जाने वाले सबडिवीजन चार्ज, ओपेन एरिया पेनाल्टी, इंस्पेक्शन चार्ज, सुपर विजन चार्ज, इम्पैक्ट फीस, बंधा चार्ज व त्रिवेणी महोत्सव चार्ज को अवैध करार दिया है।

यह आदेश जस्टिस अशोक भूषण व रंजना पांडया की खंडपीठ ने श्रीमती निशा कुमारी समेत दर्जनो अन्य की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि यदि निर्माण कानून व नियम के विपरीत किया जाता है तो प्राधिकरण सबडिवीजनल चार्ज वसूल सकते हैं। कोर्ट ने स्टेट गवर्नमेंट के ख्ख् जनवरी 98, ख्भ् अक्टूबर ख्000 एवं 9 जुलाई ख्00क् के शासनादेशों के साथ विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा जारी वसूली नोटिस को भी रद कर दिया है। बता दें कि याचिका दाखिल करने वालों का कहना था कि एडीए ने लगभग ख्00 लोगों को नक्शा पास कराने पर लाखों रुपए की मांग की थी। इसी तरह की नोटिस मथुरा, आगरा, मेरठ, गोरखपुर और मुरादाबाद प्राधिकरणों से भी जारी हुई है। सभी को कोर्ट ने निरस्त कर दिया है।