RANCHI चोपन एक्सप्रेस 18614 में अगलगी की घटना के 17 दिन बाद भी जांचकर्ताओं के हाथ खाली हैं। न तो यह पता चला है कि आग लगानेवाला कौन था न इस मामले में किसी की गिरफ्तारी ही हो सकी है। जबकि सीआइडी, जीआरपी और आरपीएफ संयुक्त रुप से इस मामले की जांच कर रहा है। वहीं रेलवे बोर्ड इसकी मॉनिटरिंग कर रहा है। जीआरपी के थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि फॉरेंसिक लैब में अगलगी के बाद मिले सामानों की जांच चल रही है। हैंडराइटिंग और फिंगरप्रिंट की भी जांच की जा रही है। इस जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है।

जीआरपी में रजिस्टर्ड है केस

चोपन एक्सप्रेस अगलगी कांड से जुड़े एक वरीय अधिकारी ने बताया कि यह मामला जीआरपी में रजिस्टर्ड है। एफएसएल ट्रेन में पाये गये ज्वलनशील पदार्थ की जांच कर रही है। सीसीटीवी से संदिग्ध की पहचान नहीं हो पायी है क्योंकि जहां ट्रेन खड़ी थी उस जगह को सीसीटीवी कवर नहीं करता है। जांच कर रही टीम कांटाटोली के मरियम कांप्लेक्स में गयी थी। वहां डायनेमिक फैशन नाम की कपड़े की दुकान भी है पर दुकानदार ने कहा कि यहां बहुत से लोग कपड़े लेने आते हैं। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि कौन यहां से वह पॉली बैग ले गया था।

फायर एक्टीग्यूशर थी खराब

सीनियर डीसीएम नीरज कुमार ने बताया कि 25 अगस्त की शाम छह बजकर पचपन मिनट पर चोपन एक्सप्रेस रांची स्टेशन पर पहुंची। छह बजकर 58 मिनट पर किसी ने इसमें आग लगा दी। जब ट्रेन के जनरल कोच से आग की लपटें उठनी शुरु हुई तो इसकी सूचना तुरंत वॉकी-टॉकी पर ड्राइवर ने दी। पहले ट्रेन के इंजन में रखे फायर एक्टींग्यूशर से आग बुझाने की कोशिश की गयी पर वह खराब था। इसके बाद आरपीएफ ने स्टेशन से यंत्र लाकर आग को बुझाया। तब तक बोगी का भीतरी हिस्सा खाक हो चुका था। कोच की पांच सीटें, कई पंखे और सामान रखनेवाले रैक जलकर खाक हो चुके थे। बोगी में एक काले रंग का बैग मिला था जिसमें तीन बोतल पेट्रोल और 39 पर्चे मिले थे। इसमें लिखा था वी वांट जस्टिस, फैन ऑफ एमएसजी। बैग में रखे पॉलीथीन में रांची के कांटाटोली के मरियम कांप्लेक्स के डायनेमिक फैशन का पता लिखा था।

प्री प्लांड थी अगलगी की घटना

चोपन एक्सप्रेस में हुई अगलगी की घटना प्री प्लांड थी। अगलगी के बाद मिले पर्चे और पेट्रोल से भरी बोतलें इसकी ओर इशारा करती हैं। इस घटना को अंजाम देने में संदिग्ध को केवल दो मिनट मिले। छह पचपन पर यहां ट्रेन पहुंची और छह 58 पर ट्रेन में आग लगायी गयी। घटना को अंजाम देने के बाद तुरंत संदिग्ध रेलवे कॉलोनी की ओर निकल गया होगा क्योंकि वह सबसे आसान रास्ता है। जिस दिन घटना घटी उस दिन डेरा सच्चा सौदा पर कोर्ट का फैसला आया था ऐसे में संभावना है कि वह एकलौता आदमी था और वह चोपन एक्सप्रेस में बैठकर रांची स्टेशन पहुंचा था। मौका देखकर उसने आग लगायी और फरार हो गया। रांची और मुरी रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी फुटेज की जांच के क्रम में एक व्हाइट शर्ट पहने संदिग्ध पर जांच एजेंसियों की नजर है। संभावना है की यही वो शख्श था जिसने आग लगायी। सीसीटीवी फुटेज में इसका चेहरा स्पष्ट नहीं है।

इन बिन्दुओं पर जांच कर रही टीम

- सीसीटीवी फुटेज की गतिविधियां

- घटनास्थल से प्राप्त ज्वलनशील पदार्थ के पैकेट

-ट्रेन की बोगी से मिला काले रंग का बैग

- मैसेज लिखी हुई पर्चियां

- बैग में रखे कागजात

- कपड़ा दुकान का पॉलीथीन