लिखने की खुली छूट दी जाएगी

एग्जाम सेंटर के अंदर स्टूडेंट्स को मोबाइल भी अलाऊ है। इससे अच्छे स्टूडेंट्स को नुकसान होना तय है। जब इस तरह से लिखने की खुली छूट दी जाएगी तो एवरेज स्टूडेंट्स भी अच्छे नंबर लाएंगे। फिर तो साल भर तैयारी कर एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स का क्या होगा? इस तरह खुलेआम नकल से यूनिवर्सिटी के एग्जाम लेने पर सवालिया निशान लग गया है।

सभी चिट से कॉपी करने में व्यस्त

जो पढऩे वाले स्टूडेंट होते हैं उन्हें नकल से कोई लेना देना नहीं होता है। बल्कि वे इसे रुकवाना चाहते हैं। एक स्टूडेंट ने एग्जाम में हो रही नकल की कंप्लेन आई नेक्स्ट से की। बाद में उसने अपने मोबाइल से एग्जाम सेंटर की लाइव तस्वीर खींची। तस्वीर में क्लियर दिख रहा है कि कैसे कॉलेज में नकल की जा रही है। गल्र्स हो या ब्वॉयज सभी चिट से कॉपी करने में व्यस्त हैं। स्टूडेंट का कहना था कि क्या इस तरह से हमारा एजुकेशन सिस्टम ठीक होगा? यहां के स्टूडेंट्स बाहर कांपटीशन कर पाएंगे? एग्जाम में नकल को कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन क्यों नहीं रोक रहा है। यहां सैंकड़ों स्टूडेंट्स एग्जाम दे रहे हैं। ठीक है ये लोग नकल कर लेंगे, लेकिन जहां ऐसा नहीं चल रहा होगा वहां के स्टूडेंट्स को तो नुकसान हो जाएगा।

हो सकता है ब्लैक लिस्टेड

एग्जाम में नकल करते बड़े पैमाने पर पकड़े जाने पर कॉलेज को ब्लैक लिस्टेड किए जाने का प्रावधान है। मुजफ्फरपुर के एक कॉलेज में मैट्रिक के एग्जाम के दौरान एडमिनिस्ट्रेशन ने बड़े पैमाने पर स्टूडेंट्स को नकल करते पकड़ा था। कॉलेज को एग्जाम के बाद ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। कॉलेज में किसी भी एग्जाम का सेंटर दिया जाना बंद कर दिया गया। साथ ही प्रिंसिपल से शो कॉज देने को कहा गया था। बाद में प्रिंसिपल को दोषी मानते हुए उनका ट्रांसफर कर दिया गया था।

सेंटर का दौरा नहीं करता एडमिनिस्ट्रेशन

एग्जाम के दौरान यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन सेंटर्स का विजिट करता है। एग्जाम को साफ-सुथरा कंडक्ट करने के लिए पूरा अरेंजमेंट किया जाता है। एक टीम सेंटर का जायजा लेती है और जांच पड़ताल करती है कि कहीं नकल तो नहीं चल रही है, लेकिन बीएस कॉलेज, दानापुर में हो रहे एग्जाम में नकल ने एमयू के अरेंजमेंट की पोल खोल दी है।

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