- यूपी बोर्ड मूल्यांकन में कॉपी की एडिटिंग हवा हवाई रह गई

रूश्वश्वक्त्रञ्ज: यूपी बोर्ड मूल्यांकन में इस बार होने वाली कॉपियों की एडिटिंग तो यूं ही रह गई है। बोर्ड ने इस बार कॉपियों का 15 प्रतिशत भाग री चेकिंग करने का फैसला तो दिया था। मगर बदकिस्मती इसे अमलीजामा पहनाने में बोर्ड खुद ही फेल हो गया। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार मूल्यांकन की कॉपी के एक भी बंडल से कॉपियों की री चेकिंग नहीं की गई है।

हर सब्जेक्ट में नियुक्त थे अंकेक्षक

मूल्यांकन की कॉपियों की री चेकिंग के लिए हालांकि हर सेंटर के लिए हर विषय में दो अंकेक्षकों की नियुक्ति भी की गई थी। इन अंकेक्षकों को बोर्ड ने अलग से शुल्क देने की भी बात की थी। मगर सिटी के किसी भी सेंटर पर कॉपियों की री चेकिंग नहीं हुई है। डीआईओएस शिव कुमार ओझा का कहना है कि इस बारे में कुछ सूचना तो मिली थी। इस संबंध में बोर्ड को आख्या तैयार करके भेज दी गई है।

दो दिन कराया फ्री काम

जीआईसी सेंटर पर एक डिप्टी हेड को 15 दिन की ड्यूटी के हिसाब से ही पैसे मिले हैं। डिप्टी हेड की ड्यूटी दो दिन फ्री में ही लगाई गई है। डिप्टी हेड की ड्यूटी एजुकेशन सब्जेक्ट के मूल्यांकन में लगाई गई थी। डीआईओएस शिव कुमार ओझा का कहना है इस मामले की जांच करने के बाद ही बोर्ड को आख्या तैयार कर भेजी जाएगी।