- सप्लायर कंपनी के 18 लाख रुपये तीन साल से बकाया

- 2016 में 20 हजार से ज्यादा मरीजों का हुआ था एलाइजा टेस्ट

DEHRADUN: बरसात का सीजन शुरू होने के साथ ही दून में डेंगू के मरीज सामने आने लगते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पहले से ही डेंगू से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन मरीजों को डेंगू संबंधी एलाइजा टेस्ट करने के लिए डेंगू किट कहां से आयेगी यह अभी तक तय नहीं है। दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू किट सप्लाई करने वाली कंपनी के 18 लाख रुपये का बकाया तीन साल बाद भी चुकता नहीं किया है। कंपनी इस बार किट देने में आनकानी कर रही है।

2016 का है बकाया

2016 में दून में डेंगू ने जमकर कहर बरपाया था। डेंगू के चरम पर पहुंचने के साथ ही नेताओं और अधिकारियों ने मौखिक आदेश देकर डेंगू किट मंगवाई थी। प्रभावित क्षेत्रों में कैंप लगाकर लोगों के एलाइजा टेस्ट करवाये गये। इस दौरान 20 हजार से ज्यादा लोगों के टेस्ट किये गये, जिनमें 1434 डेंगू पॉजिटिव केस थे।

क्या है डेंगू किट

यह केमिकल्स की किट होती है। इन केमिकल्स से मरीज के ब्लड सैंपल की जांच की जाती है। एक किट की कीमत करीब 16000 रुपये है और एक किट में 90 से 95 मरीजों का डेंगू टेस्ट किया जा सकता है।

कंपनी कर रही आनाकानी

डेंगू से निपटने की तैयारी के बीच स्वास्थ्य विभाग डेंगू किट की व्यवस्था करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन पिछला बकाया होने के कारण कंपनी आनाकानी कर रही है। जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा कई बार स्वास्थ्य निदेशालय को रिमाइंडर भेजा जा चुका है, लेकिन लिखित आदेश न होने के कारण बजट रिलीज नहीं हो पा रहा है।

मरीज को नहीं होता कोई फायदा

डेंगू एलाइजा टेस्ट करने में बेशक करीब 166 रुपये प्रति टेस्ट के हिसाब से पैसा खर्च किया जाता है, लेकिन इसका मरीज को कोई फायदा नहीं होता है। क्योंकि डेंगू कंफर्म होने के बाद कोई ऐसा अलग से इलाज नहीं है। मरीज को दवा के नाम पर केवल पैरासीटामोल ही दी जाती है। हालांकि इससे विभाग को डेंगू से ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी मिलती है और ऐसे क्षेत्रों में बचाव अभियान तेज कर दिया जाता है।

सप्लायर कंपनी का कुछ पैसा बाकी है, बजट का इंतजार किया जा रहा है। डेंगू किट की कोई समस्या नहीं है, पूरा इंतजाम कर दिया जाएगा।

- डॉ। दयाल शरण, डिप्टी सीएमओ।