RANCHI: रिम्स में मरीजों को डाइट देने वाली दिल्ली की प्राइम किचन सर्विसेज एजेंसी अब आसानी से पेमेंट नहीं ले सकेगी। डाइटीशियन से हरी झंडी मिलने के बाद ही प्रबंधन उसे पेमेंट जारी करेगा। इतना ही नहीं, मरीजों से फीडबैक और वार्ड में मरीजों को प्रॉपर डाइट की निगरानी के लिए 5 डाइटीशियन भी रखे जाएंगे। ताकि इलाज करा रहे मरीजों को हर हाल में भरपूर डाइट मिल सके। बताते चलें कि मरीजों की डाइट में आए दिन गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद डाइटीशियन ने यह कदम उठाया है।

हर वार्ड में एक-एक डाइटीशियन

एक डाइटीशियन के भरोसे रिम्स में इलाज करा रहे 1500 मरीज है। ऐसे में एक-एक मरीज के पास जाकर उसका डाइट चार्ट बनाना और खाने की मॉनिटरिंग करना संभव नहीं है। यह देखते हुए डाइटीशियन कुमारी मीनाक्षी ने सभी वार्डों में एक-एक डाइटीशियन रखने की योजना बनाई है, जो मरीजों को दी जाने वाली डाइट पर नजर रखेंगी। साथ ही खाने की क्वालिटी का फीडबैक भी मरीजों से लेंगी। इस आधार पर रिपोर्ट डाइटीशियन को सौंप दी जाएगी। इसके बाद ही पेमेंट की फाइल प्रबंधन के पास भेजी जाएगी।

डाइट फीडबैक फार्म की भी होगी जांच

किचन में हर दिन 1500 से अधिक मरीजों का खाना बनाया जाता है। तीनों टाइम की डाइट देने के बाद एजेंसी मरीजों से डाइट को लेकर फीडबैक फार्म भी भरवाती है। इसमें डाइट की क्वालिटी का रिमा‌र्क्स मरीज या उनके परिजन देते हैं। वहीं कई ऐसे भी मरीज होते हैं जो बिना फीडबैक फार्म भरे ही वापस कर देते हैं। ऐसे फार्म को एजेंसी के स्टाफ्स खुद से भरकर जमा कर देते हैं। लेकिन अब डाइटीशियन फीडबैक फार्म की भी जांच करेंगे। वहीं मरीजों के पास जाकर उनका फीडबैक लिया जाएगा। इससे गड़बड़ी की आशंका पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

एजेंसी को मंथली 40-45 लाख पेमेंट

हॉस्पिटल में इलाज करा रहे मरीजों की डाइट के लिए सरकार ने 100 रुपए हर दिन तय किया है। ऐसे में मरीजों की डाइट का बिल 40-45 लाख हर महीने का भुगतान रिम्स प्रबंधन करता है। कई बार खाने में, तो कभी लिक्विड डाइट में गड़बड़ी की शिकायत मिलती रहती है। वहीं गलत पाए जाने पर एजेंसी के पैसे भी काटे जाते हैं। इसके बावजूद एजेंसी के स्टाफ्स को कोई फर्क नहीं पड़ता।

वर्जन

मरीजों को दवा के साथ बेहतर डाइट की जरूरत पड़ती है। ऐसे में डाइट के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारी कुछ योजना है और इस पर काम कर रहे हैं। जल्द ही नई चीजें हॉस्पिटल में देखने को मिलेंगी। वहीं मरीजों को भरपूर और पौष्टिक वाली डाइट मिलेगी। अलग-अलग वार्ड में एक-एक डाइटीशियन मरीजों की डाइट की निगरानी करेगी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही एजेंसी को पेमेंट होगा।

कुमारी मीनाक्षी, डाइटीशियन, रिम्स