क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: रिम्स की अव्यवस्था किसी से छिपी नहीं है. ओपीडी में डॉक्टर नहीं रहते हैं तो इंडोर में पीने का पानी ही नहीं है. ऐसी ही दर्जनों शिकायतें मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में की गई है. जहां शिकायत करने वालों ने हॉस्पिटल में फैली अव्यवस्था को सुधारने की मांग की है. इसके तहत मुख्यमंत्री जनसंवाद ने रिम्स के नोडल आफिसर से कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट मांगी है.

दो घंटे इंतजार, नहीं मिले डॉक्टर

आई डिपार्टमेंट ओपीडी को लेकर कंप्लेन की गई है. इसमें बताया गया है कि दो घंटे तक आई ओपीडी में बैठने के बाद भी डॉक्टर नहीं मिले. इसके बाद वह बिना इलाज कराए ही लौट गया. जबकि दूसरी शिकायत में बताया गया है कि इंडोर में पीने का पानी ही नहीं रहता है. इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं एक कंप्लेन में बताया गया कि जेनरिक दवा लाने पर डॉ. अनिल ने उसे लौटा दिया. साथ ही उसे ब्रांडेड दवा लाने को कहा गया.

जनसंवाद को सही रिपोर्ट नहीं देता रिम्स

हॉस्पिटल से जुड़ी कई तरह की शिकायतें मुख्यमंत्री जनसंवाद में की जाती हैं. लेकिन नोडल आफिसर की ओर से उस पर कार्रवाई करने के बजाय तोड़-मोड़कर जवाब भेज दिया जाता है. इस वजह से कई मामलों में बार-बार नोडल आफिसर को रिमाइंडर भी भेजा जाता है. चूंकि शिकायत करने वाला जवाब से संतुष्ट नहीं होता. लेकिन हर बार की तरह ही पहले का जवाब ही घुमाकर जनसंवाद को भेज दिया जाता है.

वर्जन

कंप्लेन तो बहुत होती है. लेकिन प्रूफ मिल जाए तो मैं एक्शन लूंगा. अगर कहीं डॉक्टर नहीं हैं तो प्रूफ के साथ मुझे बताएं. इसके बाद उनपर कार्रवाई होगी, जो भी सिस्टम है उसे ठीक करने का प्रयास हम कर रहे हैं.

डॉ. डीके सिंह, डायरेक्टर, रिम्स