-मरीजों को बाहर से लानी पड़ती है दवाई
-कैंट अस्पताल में एक साल से नहीं आई दवाई
-दवा कंपनियों ने दवाइयों को भेजना किया बंद
Meerut । कैंट अस्पताल में एक साल से दवाइयां नहीं आई है। जो कंपनियां दवाइयां भेजती थी। उनमें से कुछ बंद हो गई तो कुछ ने दवाई भेजना बंद कर दिया है। टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कैंट अस्पताल में दवाई आती थी। लेकिन अब मरीजों को बाहर से दवा लाने के लिए पर्चा लिखा जाता है।
हर महीने जाती है डिमांड
अस्पताल प्रशासन की मानें तो हर माह अस्पताल की ओर से डिमांड भेजी जा रही है। लेकिन दवाई नहीं आ रही है। अस्पताल में दवा न होने के कारण मरीजों को बाहर की दवा लिखी जाती है।
अब केंद्र से आएगी दवा
पहले कैंट अस्पताल में दवाई के लिए टेंडर प्रक्रिया की जाती थी। लेकिन दवाई की आवक बंद होने के बाद केंद्र की ओर से रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए गए। कैंट बोर्ड की ओर से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है। अब केंद्रीय औषधालय से ही कैंट अस्पताल में दवाई आएंगी।
हर माह दवाई की डिमांड भेजी जा रही है। दवाई कंपनियों से दवाई देना बंद कर दिया है। दवाई न होने के कारण मजबूरन बाहर से दवाई लाने के लिए मरीज को पर्चा लिखा जाता है।
डॉ। आराधना पाठक आरएमओ कैंट अस्पताल
कैंट अस्पताल में दवाई ही नहीं मिलती है। डॉ। बाहर से दवाई लाने के लिए पर्चा लिख देते हैं। सरकारी अस्पताल किस बात का है फिर यह।
राहुल टॉक
अस्पताल में कई बार दवाई लेने के लिए लेकिन हर बार यह कह दिया जाता है कि ऊपर से दवाई नहीं आ रही है। यदि बाहर से ही दवाई लानी है तो बाहर ही डॉक्टर को दिखा लेंगे। इस अस्पताल का क्या फायदा है।
अनिल कुमार
यदि सरकारी दवाई अस्पताल में दवाई नहीं है तो गरीबों का इलाज कहां से होगा। जिनके पास पैसा है वो लोग यहां पर आते तक नहीं है। एक साल से अधिक समय हो गया यहां पर ही नहीं है।
सुमित कुमार