RANCHI : सिटी को जाम से निजात दिलाने की दिशा में प्रशासन ने एक और कड़ा कदम उठाया है। अब मेन रोड, लालपुर रोड, पुरूलिया रोड और रातू रोड समेत तमाम महत्वपूर्ण सड़कों पर स्कूल बसों की नो एंट्री होगी। इन सड़कों पर सिर्फ मिनी बसों को चलाने की इजाजत स्कूल संचालकों को मिलेगी। साउथ छोटानागपुर के कमिश्नर की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मीटिंग में स्कूल बसों के संचालन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। इस मौके पर डीसी मनोज कुमार, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, एसडीओ, डीईओ, डीएसई, डीटीओ के अलावा प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल अथवा उनके प्रतिनिधि मौजूद थे।

ट्रांसपोर्ट मैनेजर रखें स्कूल

कमिश्नर ने सभी प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल को कहा है कि वे एक ट्रांसपोर्ट मैनेजर बहाल करें। स्कूल बसों के संचालन से संबंधित सारी जवाबदेही उसके हवाले की जाए। मीटिंग में स्कूल बसों का किराया, जीपीएस सिस्टम, फ‌र्स्ट एड बॉ1स, ड्रिंकिंग वाटर की फैसिलिटी, ड्राइवर-खलासी के डिटेल्स समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। कमिश्नर ने कहा कि जो स्कूल इसका उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ ए1शन लिया जाएगा।

जांच के लिए बनेगी कमिटी

स्कूल बसों के संचालन की जांच के लिए एसडीओ, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, डीईओ, डीएसई और डीटीओ की एक कमिटी बनाई जाएगी। यह कमिटी समय-समय पर स्कूल बसों में दी जा रही फैसिलिटीज की जांच करेगी। साथ ही डीटीओ को एक चेक लिस्ट बनाकर सभी स्कूलों यह भेजने को कहा गया। स्कूल मैनेजमेंट को भी यह निर्देश दिया गया कि वे 20 दिसंबर तक दी जा रही तमाम सुविधाओं की जानकारी प्रशासन को उपल4ध कराए।

स्कूल कैंपस में नहीं बिकेगी किताब-कॉपी

रांची जिले के किसी 5ाी स्कूल के कैंपस में किताब कॉपी की दुकान नही होनी चाहिए। स्कूलों की ओर से किसी दुकान का कोई डिटेल्स 5ाी कहीं नही लि2ा होना चाहिये, ना ही स्कूल मैनेजमेंट पैरेंट्स को दबाव दें सकते हैं कि किस दुकान से उनको 2ारीदना है। स्कूलों में एनसीआरटी के किताबों को ही चलाया जाए, अगर बहुत जरूरी हुआ तो तीन साल के बाद किताब बदला जाये। स5ाी स्कूल 30 जनवरी तक किताब का लिस्ट अपने वेबसाइट पर अपडेट करें।

बस भाड़ा 1050 रुपए से ज्यादा नहीं हो

स्कूल मैनेजमेंट को कहा गया कि वे बस भाड़ा को लेकर मनमानी नहीं करें। हर माह हर स्टूडेंट से 1050 रूपए से अधिक बस 5ाड़ा नहीं वसूला जाए। इसमें यह भी तय किया गया है कि बीस किमी तक की दूरी पर इससे अधिक 5ाड़ा नहीं लिया जाए।

3 परसेंट सीट दिव्यांग बच्चों के लिए हो

अब हर स्कूल को अपने स्कूल में कम से कम तीन प्रतिशत दिव्यांग बच्चों का एडमिशन लेना जरूरी है। साथ ही उन बच्चों को पढ़ाने के लिए स्पेशल एजुकेटर 5ाी नियुक्त करना होगा। जैसे अगर आं2ा नही है उस बच्चे को पढ़ाने के लिए विजन वाले टीचर हों, इस तरह हर तरह के स्पेशल टीचर बहाल करना होगा।

पैरेंट्स को पैनिक मैसेज न भेजी जाए

स्कूल मैनेजमेंट की ओर पैरेंट्स और बच्चों को पैनिक मैसेज नहीं भेजने की नसीहत दी गई। उन्हें कहा गया कि वे पैरेंट्स के साथ लगातार क6यूनिकेशन बनाए रखें। बच्चों को शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताडि़त नहीं करें। 1लासेज में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। बच्चों और आने जाने वालों के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था करें।

नर्सरी एडमिशन के लिए नहीं हो एग्जाम

कमिश्नर ने सभी स्कूल मैनेजमेंट से कहा कक्षा नर्सरी के बच्चों की नामांकन हेतु कोई परीक्षा न ली जाए, प्राइमरी सेशन को हाई स्कूल परिसर से पूरी तरह अलग रखा जाए, विद्यालयों में कैशलेश लेन-देन हो इस बात का विद्यालय प्रबंधन पूरा ध्यान रखे।

इन मुद्दों पर भी हुआ मंथन

-ंसाल में एक बार बस ड्राइवर व खलासी की आंख का हो चेकअप

- ड्राइवर-खलासी नशे में वाहन को नहीं चलाएं

-स्कू बसों में क्षमता से ज्यादा बच्चे नहीं बैठाए जाएं

-हर बस में एक स्टाफ अनिवार्य रूप से रहें

- सभी ड्राइवर का पुलिस वैरीफिकेशन कराया जाए

-वर्ष में 11 महीनों का ही बस भाड़ा ही लिया जाए

-नियुक्त किए जाने वाले टीचर्स की योग्यता तय हो

- नैतिक शिक्षा एवं योग शिक्षा की 1लासेज चले

- एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई हो

- 30 जनवरी तक सभी बुक लिस्ट जारी कर दी जाए

कुल सीटो के 25 प्रतिशत पर बीपीएल श्रेणी के बच्चों का हो नामांकन

-बच्चों को दो पहिया वाहन से विद्यालय आने जाने लगे रोक

- स्कूल कैंपस को त6बाकू निषेध क्षेत्र घोषित किया जाए