कहीं से आओ-जाओ, कौन देख रहा

प्लेस- स्वरूप नगर

हैलट के सामने लगने वाले जाम को रोकने के लिए पिछले साल नगर निगम और प्रशासन ने स्वरूप नगर की ओर जाने वाले रास्ते को वनवे किया था। यहां हैलट पेट्रोल पम्प से स्वरूप नगर में एंट्री तो कर सकते हैं। लेकिन स्वरूप नगर से होकर इस रास्ते आप हैलट सडक़ पर नहीं आ सकते हैं। वनवे का बड़ा सा बोर्ड भी लगाया गया है। लेकिन इसके बावजूद टू व्हीलर्स और फोर व्हीलर्स बेधडक़ रूल्स को तोड़ते मिले। इन्हें रोकने वाला भी कोई नहीं था। दोनों तरफ से आर रहे वाहनों को देखकर पता ही नहीं चल रहा था कि यहां वन-वे लागू है।

नो एंट्री में कर एंट्री

प्लेस- बिरहाना रोड

बिरहाना रोड पर मंडे को ही एसएसपी और ट्रैफिक पुलिस ऑफिसर्स ने जोर-शोर से वन-वे कल शुरुआत की थी। घंटाघर की ओर से वाहनों के एंट्री पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन अगले दिन से ही व्यवस्था चौपट चल रही है। ट्रैफिक पुलिस के जवानों के सामने ही वाहन बिरहाना रोड पर एंट्री कर जाते हैं। पूरी रोड पर दोनों ओर से वाहन चल रहे हैं। इसकी वजह से लोगों का पैदल चलना तक मुश्किल है।

कैमरा देखकर याद आई ड्यूटी

प्लेस- कैनाल रोड

रिपोर्टर जब सिटी के बिजी चौराहे नरौना पहुंचा तो यहां भी वनवे का नजारा अजब-गजब था। कैनाल रोड जिससे सिर्फ आप घंटाघर की ओर जा सकते हैं उसी रोड से लोग बेधडक़ आ भी रहे थे। रिपोर्टर ने जब वनवे के टूटते नियम को कैमरे में कैद करना शुरू किया तो वहां सुस्ता रहा एक ट्रैफिक सिपाही दौडक़र आया, और उलटी साइड घुसी एक कार को रोक लिया। इसीबीच एक सिपाही रिपोर्टर के पास आया, और बोला भाई काहे नौकरी लोगे क्या?

थाने के सामने भी व्यवस्था फेल

स्थान- बजरिया चौराहा

बजरिया थाने के सामने वनवे है। जहां से आप ईदगाह होकर ही कर्नलगंज थाने की ओर जा सकते हैं। लेकिन थाने के सामने ही वनवे की दिनभर धज्जियां उड़ रही हैं। जिसको देखने वाला कोई नहीं है। ईदगाह से आने वाले व्हीकल उलटी साइड चले आ रहे थे। थाने के सामने सडक़ का कम स्पेस होने की वजह से जाम लग रहा था। इसीतरह कर्नलगंज साइड से आने वाले व्हीकल थाने तक न आकर पहले ही टर्न मारकर ईदगाह रोड पर आ जाते हैं। इससे रूल्स तो टूटते हैं इसके साथ जाम और दुर्घटनाएं होने का खतरा रहता है।

ले-देकर ही छोड़ देते हैं.

वनवे रूट्स पर सख्ती न होने की वजह से लोग इसकी परवाह नहीं करते और बेधडक़ रूल्स तोड़ देते हैं। ट्रैफिक पुलिस भी स्पेशल ड्राइव में ही चालान करती है। यही वजह है कि पिछले तीन महीने में वनवे तोडऩे में सिर्फ 200 लोगों के ही चालान किए गए हैं। जब कि अधिकतर को सिपाही ले देकर छोड़ देते हैं। इससे लोगों में डर खत्म होता जा रहा है।

रूल तोडऩे के कितने बहाने

सर बगल में घर है, बहुत घूमकर जाना पड़ेगा प्लीज सर, अंकल किनारे-किनारे निकल जाउंगीबस यहीं तक जाना है ऐसे ही एक्स्यूज देकर लोग वनवे रूल्स को तोड़ते हैं। ट्रैफिक पुलिस से रूल्स टूटने की वजह पूछी तो सिपाहियों ने भी इन्हीं प्रॉब्लम को बताया। एक सिपाही ने कहा कि वनवे के बीच में ही कई लोगों के घर हैं जिनको निकलना ही पड़ता है।

ये रूट है वनवे

बिरहाना रोड, कैनाल रोड, घंटाघर से नरौना, स्वरूप नगर, बजरिया, दादानगर, विजय नगर, फूलबाग

वनवे का टाइम

सुबह-9 बजे से रात 10 बजे तक

फाइन- 1000 रुपए

"बिरहाना रोड पर 20 सिपाहियों को लगाया है। सभी को पता चले इसलिए बैनर भी बनवा रहे हैं। दूसरे वनवे में भी नियम नहीं टूटने दिया जाएगा। कुछ सिपाही कम हैं इसलिए प्रॉब्लम होती है। "

राकेश कुमार नायक, सीओ ट्रैफिक

अब मेस्टन रोड की बारी

KANPUR: बिरहाना रोड के बाद अब ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने मेस्टन रोड को वन-वे करने की तैयारी की है। सीओ ट्रैफिक राकेश कुमार नायक के मुताबिक एक सप्ताह में इसे वन-वे कर दिया जाएगा। मेस्टन रोड को वन-वे करना तो है लेकिन अभी तक डिपार्टमेंट ये तय नहीं कर पाया है कि आखिर वन-वे करें तो करें किस साइड से। क्योंकि दोनों तरफ से ही जबरदस्त ट्रैफिक लोड रहता है। हमारा तो व्यापार चौपट हो जाएगा

मेस्टेन रोड पर ट्रैफिक न्यूसेंस की असली वजह एंक्रोचमेंट और सडक़ के बीचो-बीच पार्किंग है.  लेकिन रोड पर स्पेस न होने के कारण दोनों ही समस्याओं को कोई प्रॉपर हल नहीं है। लोकल रेजीडेंट्स और व्यापारी भी वन-वे करने के पक्ष में नहीं हैं। मार्केट में गारमेंट्स की शॉप किए अनिल कुमार ने कहा कि वन-वे का सीधा असर व्यापार पर पड़ेगा। वन-वे होने के बाद लोगों के लिए दुकान तक पहुंचना ही मुश्किल होगा।